Saturday, Jun 03, 2023
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मुकेश अंबानी केस में NIA का बड़ा खुलासा, कहा- वाझे तो सिर्फ मोहरा छिपी है असली मछली

  • Updated on 3/18/2021

नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। मुंबई के मुकेश अंबानी के घर के पास मिली विस्फोटक से लदी गाड़ी केस में NIA ने बड़ा खुलासा किया है। NIA ने इस से में गिरफ्तार किए गए ससचिन वाझे से पूछताछ के दौरान पता लगाया कि इस मामले में कई बड़े अधिकारियों का भी हाथ है। 

सचिन वाझे तो सिर्फ एक मोहरा
एनआईए ने बताया कि मुकेश अंबानी के घर के पास पीपीई किट में दिखे शख्स की भी पहचान हो गई है वो सचिन वाझे ही है। उन्होंने आगे कहा कि सचिन तो बस एक छोटा सा मोहरा है इसमे कई और बड़ी मछली हैं। जिनके निर्देश पर सचिन काम कर रहा था। जिन्हें जल्द ही पूछताछ के लिए भी बुलाया जाएगा।

तहसीन अख्तर हिरासत में
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने इंडियन मुजाहिद्दीन के एक साथी  तहसीन अख्तर को गिरफ्तार किया है। आपको बता दें कि तहसीन बम बनाने में माहिर है।

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मुकेश अंबानी के घर के बाहर मिली कार
उल्लेखनीय है कि मुकेश अंबानी के दक्षिण मुंबई स्थित आवास के नजदीक 25 फरवरी को जिलेटिन छड़ों के साथ एक एसयूवी कार मिली थी जिसकी जांच राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) कर रहा है और इसी दौरान वाजे का नाम प्रकाश में आया। वाजे को 13 मार्च को मामले में कथित भूमिका को लेकर गिरफ्तार किया गया और वह गिरफ्तारी से पहले तक मुंबई पुलिस की अपराध खुफिया शाखा में कार्यरत थे। फडणवीस ने कहा कि  मैं वर्ष 2018 में राज्य का मुख्यमंत्री था और गृह विभाग भी मेरे अधीन था। शिवसेना अध्यक्ष ने मुझसे संपर्क कर निलंबित अधिकारी सचिन वाजे को दोबारा बहाल करने को कहा। कुछ अन्य शिवसेना नेताओं ने भी इसी तरह का अनुरोध बाद में मुलाकात कर किया। 

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बता दें कि उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के बाहर 25 फरवरी को एसयूवी कार में विस्फोटक जिलेटिन की छड़े बरामद हुई थी और उसके बाद एक टेलीग्राम नंबर के जरिए धमकी भी दी गई थी जिसे जैश उल हिंद ने बनाया था। दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि स्पेशल सीपी सेल को मुंबई पुलिस ने एक पत्र के माध्यम से बताया कि उनकी जांच में सामने आया है कि जिस टेलीग्राम एप से जैश उल हिंद ने जिलेटिन रखने की जिम्मेदारी ली थी वह तिहाड़ जेल में बना था।

मुंबई पुलिस ने पत्र में लिखा था कि वह किसने बनाया इसकी जांच सुनिश्चित की जाए। मुंबई पुलिस ने एनआईए सहित दिल्ली पुलिस को बताया कि तकनीकी जांच और विश्लेषण में पाया गया कि इस मामले में फोन के माध्यम से इंटरनेट का प्रयोग किया गया था। इस संबंध में आईटी जांच के मुताबिक मेल 26 फरवरी को भेजा गया था। इंटरनेट मीडिया टेलीग्राम ग्रुप के माध्यम से मेल भेजा गया था।

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