नई दिल्ली/ नेशनल ब्यूरो : भारतीय जनता पार्टी ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के चार वर्ष के कार्यकाल में हुए 2000 करोड़ रुपए का शराब घोटाले का आरोप लगाया है। साथ ही पूछा कि भूपेश बघेल जिस तरह से ईडी की जांच पर प्रश्न उठा रहे हैं और जांच की आंच अपने तक पहुंचने की बात कर रहे हैं तो क्या यह उनकी आशंका है या भ्रष्टाचार की स्वीकारोक्ति है? भाजपा ने इसको लेकर भूपेश बघेल मुख्यममंत्री पद से तत्काल इस्तीफा मांगा है। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. के.के. शर्मा ने कांग्रेस पार्टी और उसके शाही परिवार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि कट, कमीशन और करप्शन के बिना कांग्रेस पार्टी रह ही नहीं सकती है। कांग्रेस नेतृत्व वाली यूपीए की सरकार रही हो या वर्तमान में जिन प्रदेशों में कांग्रेस की सरकारें हैं, वहां कांग्रेस भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी है। कांग्रेस और भ्रष्टाचार एक दूसरे के पर्याय बन गए है। उन्होंने कहा कि ईडी जांच में खुलासा हुआ है कि छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में 2000 करोड़ रुपए से ज्यादा की आबकारी विभाग में मनीलॉंड्रिंग एवं भ्रष्टाचार हुए हैं, जो सीएम भूपेश बघेल की सरकार के दौरान 2019 से 2022 के बीच में हुआ है।
-भाजपा ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर लगाए संगीन आरोप, पूछे सवाल, मांगा इस्तीफा -कांग्रेस नेता राहुल गांधी और सोनिया गांधी को जवाब देना होगा : केके शर्मा
भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ में शराब कारोबार पर एक प्राईवेट आदमी का अवैध रूप से कब्जा हो गया और मुख्यमंत्री रहते हुए भूपेश बघेल को 4 सालों तक पता नहीं चला, क्या ऐसा संभव है? आखिर शराब घोटाले के भ्रष्टाचारियों को किसका सरंक्षण प्राप्त था? राहुल गांधी और सोनिया गांधी को जवाब देना होगा कि छत्तीसगढ़ की जनता की गाढ़ी कमाई की लूट की गयी और उनके स्वास्थ के साथ जो खिलवाड़ किया गया, उसका जिम्मेदार कौन है? डॉ के के शर्मा ने मीडिया रिपोर्ट के हवाले से कहा कि यह मामला तब उजागर हुआ जब इन्फोर्समेंट डायरेक्टरेट (ईडी) द्वारा दिल्ली, छत्तीसगढ़ एवं पश्चिम बंगाल सहित 35 स्थानों पर सर्च आपरेशन चलाया गया था। इस सर्च आपरेशन के दौरान ईडी को छत्तीसगढ़ में अवैध रूप से शराब सिंडिकेट चलाने वाले अनवर ढेबर के खिलाफ पुख्ता सबूत मिले। शर्मा ने आरोप लगाया कि शराब सिंडिकेट का सरगना अनवर ढेबर छत्तीसगढ़ कांग्रेस पार्टी के बड़े नेता और रायपुर के मेयर एजाज ढेबर के भाई हैं। वह किसी पद पर नहीं रहते हुए राज्य के शासन व प्रशासन में बहुत बड़ा रुतबा रखते हंै। अनवर ढेबर को कांग्रेस के राजनेताओं और नौकरशाहों का संरक्षण भी प्राप्त है। डॉ शर्मा ने आरोप लगाया कि घोटाले का अनूठा अंदाज यह था कि यह अवैध देशी शराब राज्य के सरकारी गोदामों में नहीं जाता था। अवैध शराब का स्टॉक सीधे शराब की खुदरा सरकारी दुकानों पर पहुंचाया गया और लगभग 800 सरकारी दुकानों से अवैध शराब बेची गयी। अवैध शराब की पूरी बिक्री नगद में की जाती थी और जिसका कोई रिकार्ड नहीं रखा जाता था। इस अवैध बिक्री पर किसी प्रकार का टैक्स का भुगतान नहीं किया जाता था। उन्होंने कहा कि ईडी की जांच से खुलासा हुआ है कि इन चार वर्षों के दौरान छत्तीसगढ़ में सरकारी दुकानों में कुल बिक्री का 30 से 40 प्रतिशत अवैध देशी शराब की बिक्री की जाती थी। इससे शराब घोटालेबाजों को लगभग 1200 से लेकर 1500 करोड़ रुपए का अवैध मुनाफा हुआ है। इसके अलावा डिस्टिलर्स को लाईसेंस देने में भी अवैध राशि वसूली गयी।
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