नई दिल्ली/टीम डिजिटल। एक तरफ देश में किसान केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं दूसरी तरह आज संसद के बजट सत्र की शुरुआत करते हुए देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अपनी सरकार का काम काज पर चर्चा कर रहे हैं। राष्ट्रपति ने फिलहाल अपना अभिभाषण शुरु कर दिया है।
Live Update:
- राष्ट्रपति ने गलवान घाटी के शहीदों को किया याद
- 2022 तक सभी लोगों को घर देने का सरकार का लक्ष्य
- जब भी भारत एकजुट हुआ है, उसने असंभव लक्ष्यों को भी हासिल किया है
- 26 जनवरी को तिरंगे का अपमान बहुत दुखद
- सरकार कृषि बिलों पर सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पूरी तरह पालन करेगी
- सरकार ने किसानों के खाते में एक लाख तेरह हजार करोड़ भेजे
- सरकार MSP पर बढ़ी मात्रा में फसलों को खरीदा
- सरकार ने दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चलाया - संकट के काल में कोई भूखा न रहे सरकार ने इसका ख्याल रखा
- राष्ट्रपति ने कोरोना काल में केंद्र सरकार के काम की सराहना की
सरकार के खिलाफ अन्ना हजारे करेंगे आंदोलन, 30 जनवरी से बैठेंगे अनशन पर
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कोरोना महामारी के दौरान केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए कदमों और टीकाकरण अभियान की सराहना करते हुए शुक्रवार को कहा कि सरकार ने अपने निर्णयों से देश के संघीय ढांचे की सामूहिक शक्ति का अद्वितीय उदारण प्रस्तुत किया है। कोविंद ने बजट सत्र के पहले दिन संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए पिछले एक साल के दौरान केंद्र सरकार की ओर से किए गए कई कार्यों का उल्लेख किया।
उन्होंने कहा, ‘चुनौती कितनी ही बड़ी क्यों न हो, न हम रुकेंगे और न भारत रुकेगा। भारत जब-जब एकजुट हुआ है, तब-तब उसने असंभव से लगने वाले लक्ष्यों को प्राप्त किया है।’ राष्ट्रपति ने कोरोना वायरस संक्रमण के कारण पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और छह संसद सदस्यों के निधन पर दुख जताया और श्रद्धांजिल अर्पित की।
उन्होंने कहा, ‘महामारी के खिलाफ इस लड़ाई में हमने अनेक देशवासियों को असमय खोया भी है। हम सभी के प्रिय और मेरे पूर्ववर्ती राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का निधन भी कोरोना काल में हुआ। संसद के 6 सदस्य भी कोरोना की वजह से असमय हमें छोड़कर चले गए। मैं सभी के प्रति अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।’ कोविंद ने कहा, ‘मुझे संतोष है कि सरकार के समय पर लिए गए सटीक फैसलों से लाखों देशवासियों का जीवन बचा है। आज देश में कोरोना के नए मरीजों की संख्या भी तेजी से घट रही है और जो संक्रमण से ठीक हो चुके हैं उनकी संख्या भी बहुत अधिक है।’
उन्होंने इस बात पर जोर दिया, ‘यदि अपने महत्व को बढ़ाना है तो दूसरों पर निर्भरता को कम करते हुए आत्मनिर्भर बनना होगा।’ राष्ट्रपति ने कहा, ‘अपने सभी निर्णयों में मेरी सरकार ने संघीय ढांचे की सामूहिक शक्ति का अद्वितीय उदाहरण भी प्रस्तुत किया है। केंद्र और राज्य सरकारों के बीच इस समन्वय ने लोकतंत्र को मजबूत बनाया है और संविधान की प्रतिष्ठा को सशक्त किया है।’
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