नई दिल्ली/टीम डिजिटल। श्रमिक नेता व नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन रेलवेमेन के महासचिव एम. रघुवैय्या ने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, केंद्रीय बजट में रियायती कर व्यवस्था को वेतनभोगियों, वरिष्ठ नागरिकों, केंद्र सरकार के कर्मचारियों की वास्तविक आकांक्षाओं को पूरा नहीं किया गया है जिससे उनमें निराशा है। उन्होने कहा, जनवरी, 2020 से जून 2021 की अवधि के लिए मंहगाई भत्ता और मंहगाई राहत की रुकी हुई राशि को कर्मचारियों के साथ-साथ पेंशनर्स को भी जारी करने पर कोई फैसला नहीं किया गया। कोरोन के दौरान रेलवे कर्मचारियों ने मालगाडिय़ों, प्रवासी स्पेशल, ऑक्सीजन स्पेशल ट्रेन चलाई और 3500 से ज्यादा रेलकर्मियों की मौत हो गई। उनके परिवारों को आज तक अनुग्रह राशि के रूप में वित्तीय सहायता नहीं दी गई है। रेल श्रमिकों के नेता ने कहा कि अभी 15 वर्ष की अवधि के लिए वसूल की जा रही पेंशन का रूपांतरित मूल्य 12 वर्ष पूरा होने पर बहाल किया जाना चाहिए क्योंकि सरकार 12 वर्ष की अवधि में पैसा वापस पाने की स्थिति में है। सरकार ने मौजूदा चाइल्ड केयर लीव को उदार बनाकर एकल महिला सरकारी कर्मचारियों को वृद्धावस्था अभिभावक देखभाल अवकाश प्रदान नहीं किया। एनएफआईआर के एसएन मलिक ने भी रेलकर्मियों को राहत देने की मांग रखते हुए बजट में सरकार ने रेलकर्मियों, नियमित व ठेके पर काम करने वालों की अनदेखी की है।
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