नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। आज से 4 दिनों तक चलने वाले छठ पर्व (Chhath 2020) की शुरुआत हो चुकी है। आज नहाय- खाय से शुरु हुए इस त्यौहार के कुछ नियम होते हैं। जिसका पालन करके आप छठी मैया को प्रसन्न कर सकते हैं। हालांकि हर व्रती इन चार दिनों में अपने मन से हर द्वेष को निकाल कर छठी मैया का ध्यान करती है लेकिन फिर भी ना चाहते हुए भी कुछ गलतियां हो जाती है।
चलिए आपको बताते हैं कि इन चार दिनों में आपको क्या करना चाहिए और क्या नहीं...
बता दें कि कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाए जाने वाले इस त्योहार की शुरूआत दो दिन पहले चतुर्थी तिथि को नहाय खाय से हो जाती है। यह छठ पूजा का पहला दिन होता है, जिस दिन व्रतधारी सुबह नहाकर लौकी, चने की दाल और चावल देशी घी से बनाकर खाते हैं। इसके अगले दिन यानि 19 नवंबर को खरना, 20 नवंबर को डूबते सूर्य को अर्घ्य व 21 को उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा।
नहाय खाय के साथ शुरू होगा सूर्य की उपासना का ‘छठ पर्व’
ऐसे होती है पूजा छठ मईया को मौसमी फल गन्ना, नींबू, शरीफा, सेब, केला, संतरा, अमरूद चढाए जाने के साथ ही नारियल, हल्दी, सुथनी, शकरकंदी, पान, सुपारी, कपूर, चंदन, मिठाई, ठेकुआ, पुआ, चावल के बने गुड वाले लड्डू भी चढाए जाते हैं। सूर्य को अर्घ्य बांस या पीतल के बने सूप या टोकरी से दिया जाता है। व्रतधारी कमर तक नदी या पोखरे में उतरकर अर्घ्य देते हुए उपासना करते हैं और विश्व के कल्याण की प्रार्थना करते हैं।
Chhath Geet 2020: इन गीतों से करें छठी मैया की आराधना, मिलेगा मनोवांछित फल
जाने क्या है छठ का पौराणिक महत्व ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार राजा प्रियव्रत निःसंतान थे। महर्षि कश्यप ने राजा से पुत्र प्राप्ति के लिए यज्ञ करने को कहा, महर्षि की आज्ञा अनुसार राजा ने यज्ञ करवाया और उनकी पत्नी महारानी मालिनी को यज्ञ के पश्चात पुत्र को जन्म दिया। दुर्भाग्य से वह शिशु मरा हुआ पैदा हुआ, जिससे राजा और प्रजा बहुत दुःखी थे। तभी आकाश से एक विमान उतरा जिसमें माता षष्ठी विराजमान थीं, राजा ने उनसे प्रार्थना की अपने पुत्र को बचाने की।तब ब्रह्मा की मानस पुत्री षष्ठी देवी ने कहा कि में विश्व के बच्चों की रक्षा और निःसंतान दंपतियों को संतान प्राप्ति का वरदान देती हूं। देवी षष्ठी ने जैसे ही मृत शिशु को हाथ लगाकर आशीष दिया तो वो जीवित हो गया। राजा प्रसन्न हुआ और देवी षष्ठी की आराधना प्रारंभ कर दी। जिसके बाद ये व्रत प्रारंभ हो गया।
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