नई दिल्ली/टीम डिजिटल। आज भारतीय फुटवियर मार्केट में कई ब्रांडेड शूज मौजूद हैं। जिसमें से एक वुडलैंड है। ये ब्रांड अपने ग्राहकों को बढ़िया से बढ़िया प्रोडक्ट्स देने में विश्वास रखता है। वहीं, इसका ध्यान पर्यावरण को बचाने और उसमें योगदान देने में पर भी है। 1992 से शुरु हुए इस ब्रांड के अब तक 350 एक्सक्लूसिव शोरूम है। इस ब्रांड का क्रेज यूथ में काफी ज्यादा देखने को मिलता है। वुडलैंड की खास बात ये है कि, ये अपने प्रोडक्ट्स को 30 से 40 प्रतिशत रि-साइकिल चीजों से बनाता है। आज वुडलैंड जूते, चप्पल से लेकर टी-शर्ट भी बना रहा है जो सबसे खास है। 5 जून को पर्यावरण दिवस मनाया जाता है, इस मौके पर पंजाब केसरी/नवोदय टाइम्स ने वुडलैंड के प्रबंध निदेशक श्री हरकीरत सिंह, एयरो क्लब (वुडलैंड और वुड्स के निर्माता) से खास बातचीत की...
सवाल- वुडलैंड हमारे पर्यावरण में कितना योगदान दे रहा है? जवाब- वुडलैंड शुरुआत से ही बहुत इको कॉन्शियस रहा है। वुडलैंड हमेशा से ही पर्यावरण के लिए खड़ा रहा है। हम आउटडोर के लिए प्रोडक्ट्स बनाते हैं । जैसे, जब लोग बाहर जाते हैं, ट्रेवल करते हैं, अलग-अलग जगहों पर जाते हैं तो हमारे प्रोडक्ट्स इस्तेमाल करते हैं इसके लिए हम अपने प्रोडक्ट्स को ऐसे डिजाइन करते है, जिससे वह लंबे समय तक चल सकें। लोगों को जल्दी उन्हें बदलने की जरुरत न पड़े। प्रोडक्ट्स दिखने में बुरे नहीं लगेंगे, जिससे आप उसे हटा सकते हैं और फिर उसे हम रियूज कर सकते हैं। इसके अलावा हम अपने किसी भी प्रोडक्ट्स को बनाने में जो मेटेरियल यूज करते हैं उसमें भी कोशिश करते हैं कि रियूज मैटेरिल का इस्तेमाल कर सकें। जो लोग प्लास्टिक बॉटल फेंकते हैं हम उसका इस्तेमाल धागा बनाने में करते हैं और फिर उससे गारमेंट्स बनाए जाते हैं। हां, लेकिन हम अपनी क्लालिटी पर कोई कॉम्प्रोमाइस नहीं करते।
सवाल- वुडलैंड अपने उत्पादों में पर्यावरण के अनुकूल सामग्रियों को कैसे शामिल करता है? जवाब- हम अपने रॉय मैटेरियल्स को सॉर्स से ही खरीदते हैं। जैसे हमारे जो कैमिकल्स हैं वो एक जर्मन कंपनी सॉर्स करते हैं। इसके अलावा हमारे जो फेबरिक हैं, वो हम एक अमेरिकन कंपनी पोलोटेक से इंपोर्ट करते हैं। ये जो कंपनिया है ये, भी रिसाइकिल चीजों पर ध्यान देती हैं, इसलिए हम भी ऐसे ही सोर्स से मैटेरियल्स लेना पसंद करते हैं जो, रिसाइकिलिंग पर जोर देती हैं। ये कंपनियां बहुत बड़ी हैं और इंटरनेशनल लेवल पर हैं, जिसकी वजह से लोग इनकी मैटेरियल्स पर भरोसा भी करते हैं। हां ये मटैरियल्स थोड़े महंगे पड़ते हैं, लेकिन हमारा ध्यान इस पर ही रहता है कि प्रोडक्ट्स को ऐसा बनाए कि वह पर्यावरण को नुकसान न पहुंचाए।
सवाल-अपनी प्योर ग्रीन टी-शर्ट के बारे में कुछ बताइए? जवाब- हमारी 2,3 टेक्नोलॉजी हैं, जैसे वेट विक, सुपर चार्ज कॉटन, प्योर ग्रीन। तो इनको बनाने में हम टेक्नोलॉजी भी डाल रहें है और इसका भी ध्यान रख रहे हैं कि, पर्यारवरण को भी कोई नुकसान न पहुंचे। जैसे विट वेक टेक्नोलॉजी से बनी टी-शर्ट में अगर आप रनिंग या जॉगिंग कर रहे हैं तो, पसीने से भीगी हमारी टी-शर्ट कॉटन से भी ज्यादा तेजी से सूखने लगती है। इनमें हम रिसाइकिल यान का यूज करते हैं।
सवाल- वुडलैंड की शुद्ध हरी टी-शर्ट को पुनर्नवीनीकरण पीईटी बोतलों से कैसे बनाया जाता है? जवाब- ये जो यान होते हैं, वो ताईबान से बन कर आते हैं। पहले इन पेट बोलतों को इकट्ठा किया जाता है। ये सोशल इनवर्मेंट कंपनीज होती हैं जो एक्सट्रेक्ट करके इन्हें सप्लाई करती हैं। इसके बाद इसको बनाने का प्रोसेस होता है जिसमें क्लीनिंग वगैरह की जाती है। इसके बाद इसको धागे की शेप दी जाती है। ओवरऑल बताएं तो, यान पेट बोटल्स को रिसाइकिल करके बनाया जाता है। जिसके बाद गार्मेंट्स बनते हैं। हमारे कस्टमर भी ज्यादातर यूथ से हैं, तो उन्हें जब ये बताया जाता है कि हमारी प्रोडक्ट्स रिलाइकल करके बने हैं तो वह इसके लिए कुछ पर्सेंट ज्यादा भुगतान करने में हिचकिचाते नहीं है और उन्हें इसमें खुशी होती है कि हम ऐसे प्रोडक्टस् को खरीद रहे हैं जो पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचा रहे हैं, ऐसा करके वे खुद भी पर्यावरण में योगदान दे रहे हैं।
सवाल- भारत की पहली कार्बन-तटस्थ श्रृंखला बनने के लिए वुडलैंड क्या पहल कर रहा है? जवाब- हम अपने प्रोडक्ट्स में काफी रॉय मैटेरियल्स का यूज कर रहे हैं। जैसे हम अपनी पैकेजिंग में रिसाइकिल पेपर्स का इस्तेमाल करते हैं। यहां तक कि, जब हम दुकानों पर प्रोडक्टस बेचते हैं, जैसे हमारी वुडलैंड के बहुत सारे स्टोर्स हैं। हम वहां पर भी यही कोशिश करते हैं कि वहां भी यही थीम रहे कि, कम बिजली की खपत हो। सोलर इलेक्ट्रिसिटी यूज हो। हम यही कोशिश कर रहे हैं कि, जितना हो सके पर्यावरण को कम नुकसान पहुंचाया जाए और उसमें ज्यादा से ज्यादा योगदान दिया जाए। इसके अलावा हमने उन कंपनियो के साथ जुड़े हैं जिसमें डब्लूडब्लूएफ, यूनीसेफ शामिल हैं। ये कंपनियां पर्यावरण को बचाने पर जोर देती हैं, जैसे धरती बचाओ, पानी बचाओ, वाइल्ड लाइफ।
इन चीजों में हम भी अपना योगदान देते हैं। अपने ग्राहकों को भी हम कहते हैं कि आप भी इसमें योगदान दें। क्योंकि अकेला एक ब्रांड काफी नहीं हैं, पर्यावरण को बचाने के लिए इसलिए जो संस्थाएं ऐसी चीजों पर जोर दे रहीं हैं, हमें इनसे जुड़ना चाहिए और अपना इनिशिएटिव देना चाहिए। तो हमारा जो ब्रांड है वो सिर्फ प्रोडक्ट्स ही नहीं बेच रहा बल्कि पर्यावरण में अपना योगदान कैसे देना है इसको लेकर भी मैसेज दे रहा है।
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