Sunday, Jun 04, 2023
-->
Defeat the ordinance, Opposition comes together, Kejriwal appeals, Nitish Kumar meets Tejashwi

अध्यादेश को हराएं, विपक्ष साथ आए, अरविंद केजरीवाल की अपील, नितीश कुमार, तेजस्वी से मुलाकात

  • Updated on 5/21/2023

-अखिलेश यादव ने भी जताया समर्थन 
नई दिल्ली/टीम डिजिटल। बिहार के सीएम नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ समर्थन देते हुए दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल से घर आकर मुलाकात की और कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद चुनी हुई सरकार को काम करने से रोक दिया, ये आश्चर्य की बात है। हम अरविंद केजरीवाल के साथ हैं, विपक्षी पार्टियां मिलकर पूरे देश में अभियान चलाएंगी कि कानून का पालन होना चाहिए। 
      तेजस्वी यादव ने भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी अरविंद केजरीवाल की सरकार को परेशान किया जा रहा है, यह कहीं से न्यायपूर्ण नहीं है। ये लोग जितना अरविंद केजरीवाल को सताएंगे, ये उतना ही मजबूत होंगे और भाजपा दिल्ली में कभी भी वापसी नहीं करेगी। अरविंद केजरीवाल ने दोनों नेताओं के समर्थन पर कहा, बिहार के सीएम नीतीश कुमार व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव दिल्ली के लोगों के साथ हैं, केंद्र सरकार के अन्याय के खिलाफ हम मिलकर लड़ेंगे। 
      अरविंद केजरीवाल ने समूचे विपक्ष से आह्वान किया कि हमें एकजुट होकर केंद्र की भाजपा सरकार के तानाशाही अध्यादेश को संसद में हराना होगा। उन्होने अध्यादेश के खिलाफ खड़े होकर 2024 की शिकस्त लिखने की राह दिखाते हुए कहा, अगर विपक्ष अध्यादेश को राज्यसभा में हरा देता है तो वो 2024 का सेमी फाइनल होगा और संदेश जाएगा कि भाजपा की सरकार जा रही है। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मैं 23 मई को कोलकाता जाकर सीएम ममता बनर्जी से मिलूंगा, फिर पूरे देश के सभी विपक्षी दलों के अध्यक्षों से मिलकर केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ समर्थन मागूंगा। 
        आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने बातचीत करते हुए कहा कि मैंने सीएम नीतीश कुमार से भी निवेदन किया है कि वे भी सभी राजनीतिक पार्टियों से बात करें और राज्यसभा में जब ये बिल आए, तो इसे हराने के लिए सबसे अपील करूंगा। वहीं, इसके बाद सीएम अरविंद केजरीवाल शरद पवार और उद्धव ठाकरे से भी मिलने जाएंगे। सीएम अरविंद केजरीवाल 24 मई को मुम्बई में उद्धव ठाकरे से मुलाकात करेंगे और 25 मई को मुम्बई में ही शरद पवार से मिलेंगे।
     वहीं इस मामले पर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी ट्वीट कर कहा, दिल्ली का अध्यादेश न्यायपालिका का अपमान है। ये भाजपा की नकारात्मक राजनीति का परिणाम है और लोकतांत्रिक-अन्याय का भी। भाजपा जानती है कि लोकसभा चुनाव में दिल्ली की सभी सीटों पर उसकी करारी हार होगी, इसीलिए जनता से पहले से ही बदला ले रही है। अध्यादेश के नाम पर ये जनादेश की हत्या है। 
 

comments

.
.
.
.
.