नई दिल्ली/टीम डिजिटल। दिल्ली (Delhi) की सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलनों में से एक यूपी गेट किसान आंदोलन की लाइट काट दी गई है। जिसके बाद दिल्ली की सीमाओं पर किसानों की संख्या घट रही है। सरकार ने भी पुलिस को भारी संख्या में तैनात किया था। बता दें दिल्ली में किसानों के हिंसक होने के बाद कुछ ऐसे चित्र सामने आए। जिससे दूसरे किसान आंदोलन नाराज हो गए और उन्होंने ऐलान किया कि वह अपना आंदोलन खत्म करना चाह रहे हैं।
किसान हिंसा पर खुलासा- अकाली दल व सुखबीर बादल के इशारे पर हुआ लाल किले पर तांडव दो दिन से किसानों की संख्या हो रही कम बता दें यूपी गेट के नजदीक पिछले दो दिनों में किसानों की संख्या लगातार कम हो रही है। कई किसान रैली खत्म करते ही सीधे अपने घर निकल गए। अब यहां से टैंट कम होते दिख रहे हैं। दूसरी तरफ सरकार भी अब आंदोलनकारियों पर नकेल कसती नजर आ रही है। सरकार ने पुलिस वालों के माध्यम से आंदोलनरत किसानों को चेतावनी देना शुरु कर दिया है। जिसका असर भी दिख रहा है। बड़ी संख्या में हाइवे से किसान जाते दिख रहे हैं। Tractor Rally Violence: किसान नेताओं की बढ़ सकतीं हैं मुश्किलें, FIR के बाद एक्शन में ED किसान संगठनों ने आंदोलन लिया वापस बता दें कि इससे अलावा दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर बैठे किसानों की संख्या में कमी आई है। दो किसान संगठनों ने इस आंदोलन ने अपना समर्थन वापस ले लिया है। पुलिस भी धीरे-धीरे इस आंदोलन को दवाने की कोशिश कर रहे है। पुलिस की तरफ से आंदोलन के नेताओं को कारण बताओं नोटिस जारी किया गया है। जिसमें उनके पूछा गया कि आप वह कार्यवाही क्यों न की जाए। इसके लिए उन्हें तीन दि का समय भी दिया गया है। किसान आंदोलन में हुई हिंसा के लिए BJP ने कांग्रेस को ठहराया जिम्मेदार, बोले- उन्हें उकसाया गया
एक किसान की मौत हुई बता दें गणतंत्र दिवस वाले दिन देश के अलग-अलग हिस्सों से आकर किसानों ने एक साथ ट्रैक्टर रैली निकाली थी। इस ट्रैक्टर रैली में हजारों की संख्या में किसान इकट्ठा हुए थे। इन किसानों में से कुछ किसानों ने दिल्ली पुलिस द्वारा दिए गए रुट को बदलकर बैरिकेड तोड़कर आईटीओ की तरफ जाना शुरु कर दिया था। जिसके बाद किसानों और पुलिस के बीच काफी हिंसा हुई थी। जिसमें एक किसान की मौत हो गई और कई पुलिसकर्मी घायल हो गए।
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किसानों पर लगे आरोप वहीँ, किसान संगठनों ने कहा कि इन घटनाओं के लिए जान बूझकर कुछ चुनिंदा लोगों पर लगाया जा रहा हैं। तो वहीँ, किसान नेताओं ने दीप सिद्धू पर किसानों को भड़काने और हिंसा फैलाने का आरोप लगाया है। इन आरोपों के बाद दीप सिद्धू ने फेसबुक पर आकर सफाई देते हुए कहा है 'हमने प्रदर्शन के अपने लोकतांत्रिक अधिकार के तहत निशान साहिब का झंडा लाल किले पर फहराया लेकिन भारतीय झंडे को नहीं हटाया गया।'
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