नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। पूर्वी लद्दाख (East Ladakh) में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर तनाव के बीच एक बड़ी खबर आ रही है। भारत और चीनी सेना के बीच सिक्किम बॉर्डर के नजदीक ना कूला के पास दोनों देशों की सेनाओं के बीच झड़प हुई है। जिसमें चार भारतीय और 20 चीनी जवान घायल हुए हैं। भारतीय सेना ने फिल्हाल मौके से चीनी सैनिकों को खदेड़ दिया है। मगर स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया है कि चौकियों पर कड़ी चौकसी बरती जा रही है।
बता दें दोनों सेनाओं के बीच यह झड़प 2-3 दिन पहले हुई थी। जब चीनी सेना सिक्किम में सीमा की यथास्थिति को बदलने का प्रयास कर रही है। भारतीय सेना ने उसका जमकर विरोध किया। और चीनी सेना को पीछे धकेल दिया। दोनों सेनाओं के बीच हुई झड़प में 20 चीनी सनिक और 4 भारतीय सैनिक घायल हुए है। इससे पहले 9वें दौर की वार्ता हुई करीब ढाई महीने के अंतराल के बाद भारत और चीन की सेनाओं ने रविवार को कोर कमांडर स्तर की नौवें दौर की वार्ता की। इसका उद्देश्य पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले सभी स्थानों से सैनिकों को हटाने की प्रक्रिया पर आगे बढना है। सूत्रों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उच्च स्तरीय सैन्य वार्ता पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के चीन की ओर स्थित मोल्दो सीमावर्ती क्षेत्र में पूर्वाह्न दस बजे शुरु हुई थी। इससे पहले, छह नवंबर को हुई आठवें दौर की वार्ता में दोनों पक्षों ने टकराव वाले खास स्थानों से सैनिकों को पीछे हटाने पर व्यापक चर्चा की थी।
राहुल गांधी का तंज-सरकार का काम था चीन को सीमा पर रोकना, ना कि सत्याग्रही अन्नदाताओं को... भारतीय सैनिकों को हटाने पर दिया जोर वार्ता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व लेह स्थित 14 वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन कर रहे हैं। भारत लगातार यह कहता आ रहा है कि पर्वतीय क्षेत्र में टकराव वाले सभी स्थानों से सैनिकों को वापस बुलाने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने और तनाव को कम करने की जिम्मेदारी चीन की है। कोर कमांडर स्तर की सातवें दौर की वार्ता 12 अक्टूबर को हुई थी, जिसमें चीन ने पेगोंग झील के दक्षिणी तट के आसपास सामरिक महत्व के अत्यधिक ऊंचे स्थानों से भारतीय सैनिकों को हटाने पर जोर दिया था। लेकिन भारत ने टकराव वाले सभी स्थानों से सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया एक ही समय पर शुरू करने की बात कही थी।
'किसान संसद' में किसानों ने सरकार को चेताया- नहीं होने देंगे एक भी किसान की कुर्की 50,000 जवान युद की तैयारी के साथ तैनात पूर्वी लद्दाख में विभिन्न पवर्तीय क्षेत्रों में भारतीय थल सेना के कम से कम 50,000 जवान युद्ध की तैयारियों के साथ अभी तैनात हैं। दरअसल, गतिरोध के हल के लिए दोनों देशों के बीच कई दौर की वार्ता में कोई ठोस नतीजा हाथ नहीं लगा है। अधिकारियों के अनुसार चीन ने भी इतनी ही संख्या में अपने सैनिकों को तैनात किया है।पिछले महीने, भारत और चीन ने भारत-चीन सीमा मामलों पर ‘परामर्श एवं समन्वय के लिए कार्यकारी तंत्र’ ढांचा के तहत एक और दौर की राजनयिक वार्ता की थी, लेकिन इस वार्ता में कोई ठोस नतीजा नहीं निकला था। छठें दौर की सैन्य वार्ता के बाद दोनों पक्षों ने अग्रिम मोर्चों पर और सैनिक नहीं भेजने, जमीनी स्थिति में बदलाव करने के एकतरफा प्रयास नहीं करने तथा विषयों को और अधिक जटिल बनाने वाली किसी भी गतिविधि से दूर रहने सहित कई फैसलों की घोषणा की थी।
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