Friday, Sep 29, 2023
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Experts said future of architecture education in India, students in architecture are decreasing

फ्यूचर ऑफ आर्किटेक्चर एजुकेशन इन इंडिया पर बोले विशेषज्ञ, कम हो रहे वास्तुकला में छात्र

  • Updated on 6/2/2023

नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। किसी भी शहर की बसावट और विभिन्न आधारभूत ढांचे को तैयार करने में प्लानिंग व इंजीनियरिंग विभाग के अलावा वास्तुकला का भी अहम रोल होता है। विशेषज्ञों का मानना है कि लेकिन वास्तुकला में आवेदन करने वाले छात्र लगातार कम हो रहे हैं। राष्ट्रीय सेमीनार( फ्यूचर ऑफ आर्किटेक्चर एजुकेशन इन इंडिया) विषय पर वक्ताओं ने यह विचार रखे। 

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सेमिनार में वास्तुकला परिषद (वास्तुकला परिषद (सीओए) के अध्यक्ष प्रो. अभय विनायक पुरोहित ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में ऐसे 50 प्रोजेक्ट बताएं जो भारतीय वास्तुशास्त्रियों ने बनाएं हों और जिन्हें दुनिया में दिखाया जा सके। उन्होंने कहा कि हम वास्तुशास्त्रियों को जो करना चाहिए था, वो हम नहीं कर रहे, इसलिए वास्तुशास्त्र के प्रति छात्रों की दिलचस्पी लगातार घट रही है। वास्तुशास्त्रियों को न तो अपनी क्वलिटी के साथ समझौता करना चाहिए और न ही अपनी फीस के साथ।

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देश में वास्तुकला के प्रति छात्रों की घटती दिलचस्पी पर सुशांत यूनिवर्सिटी, स्कूल ऑफ आर्ट एंड आर्किटेक्चर,काउंसिल ऑफ आर्किटेक्चर, तथा इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ  आर्किटेक्ट्स (नॉर्दन चैप्टर) के संयुक्त तत्वावधान में राष्ट्रीय सेमिनार किया गया। नई शिक्षा नीति 2020 के बाद भारत में वास्तुकला शिक्षा में सुधार करने और आधुनिक समाज में वास्तुकारों की जरूरतों और महत्व बताने के तरीकों का प्रस्ताव के लिए एक श्वेत पत्र जारी करने पर सहमति भी जताई गई।

मात्र 12 हजार छात्रों ने ही आवेदन किया 

सेमीनार में यह तथ्य भी रखा गया कि इस वर्ष वास्तुकला के संस्थानों में एडमिशन लेने के लिए मात्र 12 हजार छात्रों ने ही आवेदन किया। जो वास्तव में काफी कम है। इस मुद्दे पर विशेषज्ञों ने चिंता जताते हुए इससे निजात के लिए सुझाव भी रखे। कार्यक्रम में प्रो. ( डॉ. ) आलोक प्रकाश मित्तल( पूवज़् सदस्य सचिव, एआईसीटीई और निदेशक, नेताजी सुभाष प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय एनएसयूटी), रिटायर्ड आईएएस जेएस मिश्रा,कुलपति प्रो राकेश रंजन, शीतल अंसल सहित पूर्व छात्रों और पीएचडी विद्वानों सहित 100 से अधिक प्रतिनिधि शामिल हुए। 

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