Saturday, Mar 25, 2023
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Government can lose by winning: Vodafone-Idea business will be shocked by shutting down business

जीतकर भी हार सकती है सरकार : वोडाफोन-आइडिया के कारोबार बंद करने से अर्थव्यवस्था को लगेगा झटका

  • Updated on 2/19/2020

नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। केन्द्र सरकार के बकाया एडजस्टेड ग्रॉस रैवेन्यू (एजीआर) के भुगतान को लेकर सुप्रीम कोर्ट से वक्त न मिलने के बाद अब वोडाफोन आइडिया के भविष्य पर सवाल उठने लगे हैं। सरकार के टैलीकॉम विभाग के मुताबिक कम्पनी पर 53,000 करोड़ रुपए का बकाया है जबकि कम्पनी का कहना है कि उस पर 18,000 से 23,000 करोड़ रुपए तक ही बाकी हैं। सुप्रीम कोर्ट के दबाव के बाद अब एक चर्चा वोडाफोन-आइडिया के कारोबार को बंद करने की है। यदि ऐसा हुआ तो यह खुद कम्पनी, टैलीकॉम सैक्टर के लिए ही नहीं बल्कि भारत की अर्थव्यवस्था को भी झटका लगेगा।

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जीत कर भी हार सकती है केंद्र सरकार ये लड़ाई
भले ही सरकार AGR के मसले पर सुप्रीम कोर्ट में अपनी लड़ाई जीतती दिखी है लेकिन यह जीत भी हार सरीखी ही है। वोडाफोन यदि अपने ऑप्रेशन को समेटती है तो अर्थव्यवस्था पर जो असर होगा और रोजगार का जो संकट पैदा होगा वह सरकार के लिए ही चिंता का सबब बनेगा। कहा जा रहा है कि कम्पनी दिवालिया कानून के तहत आवेदन कर सकती है। बीते सप्ताह वोडाफोन-आइडिया में 45 प्रतिशत की हिस्सेदारी रखने वाली ब्रिटिश कम्पनी वोडाफोन के सीईओ निक रीड ने भी कहा था कि भारत में स्थिति गंभीर है। यदि कम्पनी भारत में अपने ऑप्रेशन को बंद करने का फैसला लेती है तो फिर उसके चौतरफा नुकसान होंगे।

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15 से 20 हजार लोगों की जा सकती हैं नौकरियां
वहीं दूसरी ओर कम्पनी के बंद होने की स्थिति में 15 से 20 हजार लोगों की नौकरियां जाने का भी खतरा बढ़ जाएगा। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जब वोडा आइडिया कम्पनी अस्तित्व में आई थी तब कम्पनी में 17 हजार लोग काम कर रहे थे जबकि उससे पहले दोनों अलग-अलग कम्पनियों में कुल कर्मचारियों की संख्या 22,000 के आसपास थी। अगर कम्पनी पर ताला लगता है तो कर्मचारी भी जॉबलैस हो जाएंगे। पहले से ही रोजगार की कमी के सवाल से जूझ रही सरकार के लिए भी यह चुनौती होगा।       

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AGR मामले के बीच बिड़ला की दूरसंचार सचिव से मुलाकात
वोडाफोन आइडिया के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला ने कंपनी पर समायोजित सकल आय (एजीआर) के बकाए के भुगतान के भारी दबाव के बीच आज दूरसंचार सचिव अंशु प्रकाश से मुलाकात की। चर्चा है कि संविधिक बकाए के भुगतान पर न्यायालय के आदेश के अनुपालन में चूक पर सरकार कंपनी की बैंक गारंटी भुना सकती है। बैठक के बाद बिड़ला ने कहा कि वह ‘इस मौके पर कुछ नहीं कह सकते हैं।’’ बिड़ला का प्रयास कंपनी का कारोबार बचाने के विकल्प ढूंढना है।IAS अधिकारी राजीव बंसल बने Air India के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक

वोडाफोन ने चुकाए ढाई हजार करोड़, एक हफ्ते के अंदर चुकाएगा बचे हुए हजार करोड़
वोडाफोन आइडिया ने सोमवार को अपने सांविधिक बकाए में से 2,500 करोड़ रुपए का भुगतान किया है, जबकि एक हफ्ते के भीतर दूरसंचार उद्योग को उसने 1,000 करोड़ रुपए का भुगतान और करने का वादा किया है। हालांकि कंपनी ने अभी जितना भुगतान किया है, यह उस पर कुल बकाए के 5 प्रतिशत से भी कम है। दूरसंचार विभाग के अनुसार कंपनी पर करीब 53,000 करोड़ रुपए का सांविधिक बकाया है। उधर भारती एयरटैल भी एजीआर के रूप में दूरसंचार विभाग को 10,000 करोड़ रुपए का भुगतान कर चुकी है। टैलीकॉम कम्पनी ने यह भुगतान भारती एयरटैल, भारती हैक्साकॉम और टैलीनॉर की ओर से किया है।

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एनपीए से जूझ रहे बैंकों का संकट और बढ़ेगा
कम्पनी के बंद होने पर पहले ही एनपीए (फंसा कर्ज) के संकट से जूझ रहे देश के बैंकों को एक और करारा झटका लग सकता है। वोडाफोन-आइडिया पर भारतीय बैंकों का 25,000 करोड़ रुपए बकाया है। ऐसे में कम्पनी डूबी तो बैंकों की यह रकम भी फंस जाएगी। मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सॢवसेज की रिपोर्ट के मुताबिक कुल 1.2 खरब रुपए के कर्ज में डूबी कम्पनी के बंद होने से रोजगार का भी बड़ा संकट पैदा हो सकता है।

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