नई दिल्ली/नेशनल ब्यूरो। समय पूर्व गर्मी शुरू होने के चलते गेहूं के पैदावार में आई गिरावट को देखते हुए सरकार ने गेहूं उत्पादन के अनुमान को 5.7 फीसद घटा कर 10.5 करोड़ टन कर दिया है। पूर्व में गेहूं उत्पादन 11 करोड़ 13.2 लाख टन रहने का अनुमान लगाया गया था। पैदावार कम होने से सरकारी खरीद में भी कटौती की संभावना है। सरकार ने देश में गेहूं का पर्याप्त स्टॉक होने का दावा करते हुए इसके निर्यात पर अंकुश लगाने से इंकार किया है।
वैश्विक संकट से आगे भी बना रह सकता है महंगाई का दबाव : रिजर्व बैंक खाद्य सचिव सुधांशु पांडेय ने बुधवार को यहां एक प्रेस कान्फ्रेंस में कहा कि कृषि मंत्रालय ने फसल वर्ष 2021-22 के लिए गेहूं उत्पादन अनुमान को संशोधित कर 10.5 करोड़ टन कर दिया है, जो पहले 11.13 करोड़ टन था। फसल वर्ष 2020-21 (जुलाई-जून) में देश में गेहूं उत्पादन 10 करोड़ 95.9 लाख टन रहा था। अनुमानों में कमी के लिए गर्मी की जल्द शुरुआत को प्रमुख वजह बताया गया है। उन्होंने संकेत दिया कि इस बार कुछ राज्यों में निजी कारोबारी किसानों से एमएसपी दर से ज्यादा कीमत पर गेहूं खरीद रहे हैं, जिसके चलते सरकारी खरीद घटकर 1.95 करोड़ टन रहने की उम्मीद है, जो पिछले वर्ष की तुलना में काफी कम है। उन्होंने कहा कि कुछ राज्यों में अनुमान से कम उत्पादन होने की वजह से कीमतों में और अधिक वृद्धि की संभावना को देखते हुए किसानों-व्यापारियों द्वारा स्टॉक को बचाकर भी रखा जा रहा है।
गेहूं निर्यात पर पाबंदी नहीं लगाएगी सरकार
खाद्य सचिव ने कहा कि गेहूं के निर्यात को नियंत्रित करने का कोई औचित्य नहीं बनता। उन्होंने कहा कि भारत के लिए वैश्विक स्तर पर बाजार एक अवसर के रूप में खुले हैं। गेहूं निर्यात के लिए मिस्र, तुर्की और यूरोपीय संघ के कई देशों से लगातार मांग है। एपीडा का भी एक प्रतिनिधिमंडल वैश्विक स्तर पर बाजार तलाशने निकलेगा। फिलहाल अब तक 11 लाख टन गेहूं का निर्यात हो चुका है। भारतीय निर्यातकों के पास 40 लाख टन गेहूं निर्यात का अनुबंध है। भारत ने 2021-22 में 70 लाख टन गेहूं का निर्यात किया था। मुफ्त राशन योजना के लिए स्टॉक पर्याप्त पांडेय ने कहा कि मुफ्त राशन योजना पीएमजीकेवाई के तहत वितरण के लिए गेहूं की कमी नहीं होगी। उन्होंने सरकारी गोदामों में पर्याप्त स्टॉक होने का दावा किया। पांडेय ने बताया कि फिलहाल सरकार ने राज्यों को गेहूं की जगह 55 लाख टन अतिरिक्त चावल आवंटित किया है। बता दें कि केंद्र ने कोरोना वायरस महामारी के दौरान लोगों की कठिनाइयों को कम करने के अपने प्रयासों के तहत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के दायरे में आने वाले 80 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को मुफ्त खाद्यान्न प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेवाई) शुरू की है। इस योजना के तहत केंद्र प्रति व्यक्ति प्रतिमाह पांच किलोग्राम खाद्यान्न मुफ्त प्रदान करता है। अतिरिक्त मुफ्त अनाज एनएफएसए के तहत प्रदान किए जाने वाले सामान्य कोटे से इतर 2-3 रुपये प्रति किलोग्राम की अत्यधिक रियायती दर पर दिया जाता है।
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