नई दिल्ली/टीम डिजिटल। चीफ लोको इंस्पेक्टर सहित लोको रनिंग स्टाफ , फ्रंटलाइन स्टाफ होने के नाते, भारतीय रेलवे की सबसे महत्वपूर्ण और कमजोर श्रेणियां हैं और ट्रैफिक रनिंग स्टाफ के साथ-साथ सभी मौसम की परिस्थितियों में दिन-रात कड़ी मेहनत कर रहे हैं। रनिंग कर्मचारी पूरे वर्ष दिन रात काम करते हैं। फिर भी उनके वेतन भत्तों, पदोन्नति में रेल मंत्रालय अनुचित व्यवहार कर रहा है। यह दावा करते हुए एआईआरएफ के महामंत्री शिव गोपाल मिश्र ने कहा रेल मंत्रालय द्वारा रनिंग कर्मचारियों के साथ किये जा रहे अन्याय पूर्ण रवैये के खिलाफ आज पूरे भारतीय रेलवे मे ऑल इंडिया रेलवे मेन्स फेडरेशन के आह्वान पर सभी रनिंग लाबियो पर रनिंग कर्मचारियों द्वारा प्रंचड विरोध प्रदर्शन आयोजित किया गया। एआईआरएफ के महामंत्री शिव गोपाल मिश्र ने कहा कि विडंबना ये है कि इन सभी को 4200 रुपये के पूर्ववर्ती जीपी के बराबर 7वें सीपीसी वेतन मैट्रिक्स के सामान्य वेतन स्तर में रखा गया है। इसी तरह ट्रैफिक रनिंग स्टाफ यानी ट्रेन मैनेजर को भी ट्रेन मैनेजर (पैसेंजर) से लेकर ट्रेन मैनेजर ( मेल/एक्सप्रेस) तक समान वेतनमान आवंटित किए जाते हैं। पिछले कई वर्षों से लगातार मांग के बावजूद लोको और ट्रैफिक रनिंग स्टाफ के वेतनमान में सुधार नहीं किया गया है। इस अवसर पर कई अन्य रेल यूनियन नेताओं ने भी सरकार से मांग की है कि इनके वेतन भत्ते सुधारे जाए।
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