नई दिल्ली/टीम डिजिटल। हाल ही में भारत सरकार ने नेट न्यूट्रैलिटी को मंजूरी दी है। इसके तहत अब भारत में हर कोई खए समान इंटरनेट का इस्तेमाल कर सकता है। अब कोई भी सर्विस प्रोवाइडर किसी साइट को बंद नहीं कर सकता है। लेकिन सवाल है कि क्या इंटरनेट का इस्तेमाल करने के लिए भारत में उतनी स्पीड ग्राहकों को मिल रही है?
भारत में आज के समय में सभी सर्विस प्रोवाइडर 4जी इंटरनेट स्पीड देने की बात करते हैं। लेकिन फिर भी नेटवर्क इतने कमजोर हैं की लोग पूरी तरह ठीक से बिना किसी रुकावट के इंटरनेट का इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं। फोन पर 4जी कनेक्शन होने के बाद भी यूजर्स को बफरिंग की समस्या झेलनी पड़ती है। हाल ही में हुए एक सर्वे से भारत की इंटरनेट स्पीड की सारी पोल खुल गई है।
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स्पीड इतनी कम है कि इस मामले में पाकिस्तान, मयांमार और श्रीलंका ने भी भारत को पछाड़ दिया है। इन सभी देशों की स्पीड भारत के मुकाबले दोगुनी तेज बताई गई है। सर्वे से पता चला है कि भारत में इंटरनेट 4जी एलटीई की औसत स्पीड 6.1Mbps है। दुनियाभर में ये स्पीड औसतन 17Mbps है। लेकिन भारत अभी तक इसके आधे से कम पर ही है।
हालांकि भारत में 5जी लाने की भी कोशिश जारी है। इसी के साथ कंपनियां दावा कर रही हैं कि वो ग्राहकों को 100Mbps की स्पीड देंगी। लेकिन सच्चाई की बात की जाए तो फिलहाल भारत इस दावे के पूरे होने से कोसो दूर है। बाकी देशों में ये स्पीड भारत से दोगुनी से ज्यादा है।
यूके की इंटरनेट स्पीड टेस्टर कंपनी ओपनसिग्नल ने कई देशों की इंटरनेट स्पीड टेस्ट की। इसके अनुसार श्रीलंका में 13.95Mbps, पाकिस्तान में 13.56Mbps और मयांमार में 15.56MbpsMbps है। हालांकि इन देशों को बाकि मामलों में भारत से पीछे ही माना जाता है लेकिन इंटरनेट स्पीड के मामले में ये भारत से कहीं ज्यादा आगे हैं। वहीं विकसित देशों में स्पीड जैसे अमेरिका में 16.31Mbps, यूके में 23.11Mbps और जापान 25.39Mbps है।
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इसके अलावा अमेरिका की इंटरनेट स्पीड टेस्टर कंपनी ऊकला ने भी कुछ देशों की स्पीड टेस्ट की। उन्होंने अपने सर्वे में 124 देशों को शामिल किया। उन्होंने इस लिस्ट में स्पीड के मुताबिक भारत को 109वां स्थान दिया है। उन्होंने दुनियाभर में औसतन स्पीड 23.54Mbps बताई है। वहीं उन्होंने भारत की स्पीड 9.12Mbps बताई है। इनके अनुसार भी भारत में इंटरनेट की स्पीड दुनियाभर के औसत के आधी भी नहीं है।
स्पीड टेस्टिंग कंपनियों का कहना है कि भारत में स्पीड कम होने का कारण है कि यहां इंटरनेट से हर महीने लाखों ग्राहक जुड़ रहे हैं। कंपनियों पर इंटरनेट स्पीड बनाए रखने का दबाव है लेकिन वो इसे पूरा नहीं कर पा रहे हैं। कंपनियां बड़े पैमाने पर मांग पूरी करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन इतनी बड़ी डिमांड को वो पूरा नहीं कर पा रहे हैं। ज्यादा मांग होने की वजह से देश में इंटरनेट की स्पीड कम हो रही है।
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