Sunday, Dec 10, 2023
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भारत ने अंतरिक्ष में बनाया एक और कीर्तिमान, ISRO ने लॉन्च किया PSLV-C50

  • Updated on 12/17/2020

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) आज फिर से नया इतिहास बनाने जा रहा है। इसरो पीएसएलवी-सी 50 को श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च कर दिया है। 

इस पीएमएलवी के ज़रिये संचार उपग्रह सीएमएस-01 को अंतरिक्ष में भेजा गया। कोरोना महामारी के बीच इसरो का ये दूसरा बड़ा मिशन होगा। इसकी बुधवार से ही 25 घंटे की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है।

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पीएसएलवी का 52वां मिशन 
बताते चले कि यह पीएसएलवी का 52वां मिशन होने जा रहा है जो संचार उपग्रह सीएमएस-01 को दोपहर 3.41 बजे श्रीहरिकोटा के दूसरे लांच पैड से लॉन्च किया जाएगा। हालांकि यह मौसम की परिस्थितियों पर निर्भर करेगा।

ये भी बता दें कि इसरो का सीएमएस-01 42वां संचार उपग्रह है। यह संचार उपग्रह सीएमएस-01 ‘एक्सटेंडेड सी बैंड’ में सेवाएं देने के लक्ष्य से तैयार किया गया है। इसके दायरे में भारत की मुख्य भूमि, अंडमान निकोबार और लक्षद्वीप द्वीप समूह आएंगे।

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टेलीकम्युनिकेशन सेवाओं में सुधार 
इसरो ने बताया कि प्रक्षेपण की जाने वाली सीएमएस-01 सैटेलाइट की वजह से भारत की टेलीकम्युनिकेशन सेवाओं में सुधार होगा। साथ ही इससे टीवी चैनलों की पिक्चर क्वालिटी में भी सुधार होगा। इसके साथ ही सरकार को इससे आपदा प्रबंधन के दौरान भी मदद मिलेगी। खास बात यह है कि यह सैटेलाइट 2011 में लांच की गई जीसैट-2 टेलीकम्युनिकेशन सैटेलाइट की जगह लेगी और यह सीएमएस-01 आने वाले सात सालों तक अपनी सेवाएं देगी।

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कईं दिनों से था इंतज़ार 
इसरो पिछले कईं दिनों से इस साल के दूसरे और आखिरी लांच के लिए इंतज़ार कर रहा था। इसकी वजह बंगाल की खाड़ी में पिछले दिनों आये दो बड़े तूफ़ान भी हैं जिनकी वजह से भारी से भारी बारिश और तेज़ हवाओं के कारण इसरो इस लॉन्च को टालता रहा है। 

वहीं, इससे पहले इसरो ने सैटेलाइट 'EOS-01' (अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट) को PSLV-C49 रॉकेट लॉन्च किया था। यह सैटेलाइट श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से 7 नवंबर को दोपहर 3:02 मिनट पर लॉन्च किया गया था। इस मिशन के बाद ISRO की दिसंबर में GSAT-12R कम्युनिकेशन सैटेलाइट लॉन्च की थी। जिसे PSLV-C50 रॉकेट के जरिये लॉन्च किया गया था।

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नेटवर्क कनेक्टिविटी 
बताते चले इस सैटेलाइट का इंतज़ार कई दशकों से अंडमान और निकोबार आइलैंड में नेटवर्क कनेक्टिविटी के लिए किया जा रहा था। इसके लिए सबमरीन ऑप्टिकल फाइबर केबल करीब 2313 किलोमीटर का बिछाया जा रहा है।  वहीं इस संचार उपग्रह से देश के डिजिटल भारत अभियान को और मजबूती मिलेगी।

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