नई दिल्ली/ नेशनल ब्यूरो : भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने कहा कि किसी भी देश की प्रगति के लिए जरूरी है उस देश की आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्रों में महिलाओं की प्रमुख भूमिका। हम देश की मातृशक्ति को शिक्षित, सबल, स्वावलम्बी और स्वतंत्र बनाना चाहते हैं। मुझे गर्व है कि मैं एक ऐसे संगठन का कार्यकर्ता हूं जहां महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित कर संगठन के विकास के साथ-साथ राष्ट्र के विकास में उनकी भागीदारी सुनिश्चित की जाती है। हमारे यहां महिला मोर्चा के कार्यकर्ताओं को कोई भी जिम्मेदारी सौंपी जाती है तो हम यह तय मानकर चलते हैं कि इसका परिणाम उत्कृष्ट ही आएगा। भारतीय जनता पार्टी ने नारी शक्ति को पॉलिसी, प्रोग्राम, एडमिनिस्ट्रेशन और गवर्नेंस में जितना स्थान दिया, उतना किसी और पार्टी ने नहीं दिया। भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नडडा भाजपा की महिला मोर्चा की कार्यसमिति बैठक के समापन सत्र को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने महिला मोर्चा की कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों का राष्ट्र निर्माण और देश की विकास यात्रा में सारथि बनने का आह्वान किया। बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बी. एल. संतोष, पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव दुष्यंत गौतम और महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष वनाथी श्रीनिवासन के साथ-साथ मोर्चे की सभी पदाधिकारी उपस्थित रहीं। नड्डा ने कहा कि हमारी संस्कृति में मातृशक्ति का सम्मान आदिकाल से ही है। नड्डा ने कहा कि जब देश कोरोना त्रासदी से संघर्ष कर रहा था उस समय महिला मोर्चा की कार्यकर्ताओं ने सेवा कार्यों में बड़े पैमाने पर अपनी भागीदारी की। बड़ी मात्रा में मास्क का निर्माण कर जनता में वितरित किया। अनेक स्थानों पर भोजन एवं अन्य आवश्यक वस्तुएं वितरित कीं। आपदा की घड़ी में मानवता की सेवा का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत करने वाली महिला मोर्चा की सभी कार्यकर्ताओं का अभिनंदन किया। मातृशक्ति को संपूर्ण सृष्टि का आधार और आत्मा कहा गया है जिसका वर्णन वेदों, उपनिषदों, पुराणों और हमारे साहित्यों में आता है। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने महिलाओं के सम्मान और उनके सशक्तिकरण को हमेशा प्राथमिकता दी है। सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास को अपने शासन का मूल मंत्र बनाने वाले हमारे प्रधानमंत्री ने पिछले सात सालों में उन्होंने ऐसे कई क्रांतिकारी और ऐतिहासिक कदम उठाए, जिनसे नारी शक्ति को सशक्त बनाने की उनकी प्रतिबद्धता दिखाई देती है। वर्तमान केंद्रीय मंत्रिपरिषद में महिलाओं की कुल संख्या बढ़कर 12 है जो अब तक का एक रिकॉर्ड है। ये हमारी सरकार है जिसमें सबसे ज्यादा महिला राज्यपालों की भी नियुक्ति की गई। मोदी सरकार में रक्षा, विदेश, वित्त एवं शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण विभाग महिला मंत्रियों को दिए गए। भारतीय वायु सेना ने कॉम्बैट भूमिकाओं में महिलाओं के लिए अपने दरवाजे खोले। सरकार ने सीआरपीएफ और सीआईएसएफ में कांस्टेबल पदों पर महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा की। यह हमारी सरकार है जिसमें आज हम ‘महिला विकास’ से आगे ‘महिला के नेतृत्व में विकास’ की बात कर रहे हैं। नड्डा ने कहा कि महिला सुरक्षा प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में चलने वाली केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकताओं में से एक है। हमारी सरकार ने पॉक्सो एक्ट में संशोधन कर 12 साल से कम उम्र की बच्चियों के साथ रेप मामले में फांसी की सज़ा का प्रावधान किया, मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक से मुक्ति मिली और पहली बार महिलाओं की सुरक्षा से जुड़े मामलों को देखने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत एक नया डिवीजन बनाया गया। देश के हर पुलिस स्टेशन में महिला सहायता डेस्क बनाने का निर्णय लिया गया। देश के हर जिले में मानव तस्करी विरोधी इकाइयां गठित करने की पहल की गई। पीड़ित महिलाओं को तुरंत सहायता मिले, इसके लिए “वन स्टॉप सेंटर्स” शुरू किया गया है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा सरकारी स्कूलों में लड़कियों के लिए आत्मरक्षा प्रशिक्षण अनिवार्य कर दिया। यौन उत्पीड़न के मामलों के लिए ऑनलाइन रिपोर्टिंग और शिकायत प्रबंधन प्रणाली शुरू की गई।
महिलाओं की सुरक्षा के लिए 8 शहरों में ‘सेफ सिटी प्रोजेक्ट’ को मंजूरी
महिला और बाल विकास मंत्रालय ने गृह मंत्रालय के सहयोग से साइबर अपराध पोर्टल लॉन्च किया। हमारी सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए 8 शहरों में ‘सेफ सिटी प्रोजेक्ट’ को मंजूरी दी। राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नडडा ने कहा कि सरकार ने 2015 में महिला हेल्पलाइन की शुरुआत की। अब महिलाएं 181 टोल फ्री नंबर से मदद के लिए फोन कर सकती हैं। साथ ही, महिला सुरक्षा की दिशा में बड़ी पहल करते हुए ‘एक भारत-एक इमरजेंसी नंबर’112 की शुरुआत की गई। महिलाओं के खिलाफ साइबर अपराध रोकने के लिए ऑनलाइन रिपोर्टिंग पोर्टल शुरू किया गया। मोबाइल फोन में पैनिक बटन और जीपीएस सुविधा अनिवार्य किया गया। महिलाओं की सुरक्षा के लिए ‘निर्भया एप’ और ‘हिम्मत एप’ लॉन्च किया गया।
बेटियों की सुरक्षा और बेटियों को पढ़ाने की भावना जागृत की
नड्डा ने कहा कि जब हम महिला सुरक्षा की बात करते हैं तो हम ‘बेटी बचाओ - बेटी पढ़ाओ' अभियान को कैसे भूल सकते हैं! इस एक अभियान ने न केवल लोगों में बेटियों की सुरक्षा और बेटियों को पढ़ाने की भावना जागृत की बल्कि इससे भ्रूण हत्या में भारी कमी आई, लिंगानुपात बेहतर हुआ और ड्रॉप आउट रेशियो में भी कमी आई। ‘बेटी बचाओ - बेटी पढ़ाओ' अभियान के तहत ही सुकन्या समृद्धि योजना की भी शुरुआत की गई जो बेटियों की शिक्षा और शादी के लिए परिवार का संबल बन कर उभरी है। इसी तरह दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम 2016, दिव्यांग व्यक्तियों के लिए समानता और भेदभाव न करने की गारंटी देता है।
लाल किला और ताजमहल में महिलाओं के लिए अलग व्यवस्था राष्ट्रीय अध्यक्ष नडडा ने कहा कि स्मारकों पर महिला पर्यटकों को सुरक्षित और सुविधाजनक अनुभव प्रदान करने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने कई प्रावधान किए हैं। लाल किला और ताजमहल जैसे कुछ प्रमुख स्मारकों में महिलाओं के लिए अलग प्रवेश और निकासी द्वार बनाया गया है। महिला यात्रियों की तलाशी के लिए प्रवेश द्वार पर महिला सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की जा रही है। नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने कार्यकाल में बेटियों के स्वास्थ्य, शिक्षा एवं विकास से लेकर राष्ट्र उत्थान एवं राष्ट्र गौरव में उनकी भागीदारी को सुनिश्चित करने के लिए अनवरत कार्य किया है।
नडडा ने महिला मोर्चा कार्यकर्ताओं को दिए टारगेट,बताएं काम
नड्डा ने महिला मोर्चा की कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों का आह्वान करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार द्वारा महिला उत्थान और मातृशक्ति के सशक्तिकरण के लिए किये गए एक-एक कार्य को हमें घर-घर पहुंचाना है। महिलाओं को सामाजिक और राजनैतिक काम के लिए प्रेरित करे ताकि उनकी सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक भागीदारी बढ़े। महिला मोर्चा कॉलेजों में, स्कूलों में महिला सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर परिचर्चा कर सकती है और उनके रास्ते में आने वाली कठिनाइयों पर उनके सुझाव ले सकती हैं ताकि हम उसके आधार पर नीतियों को और प्रभावी बना सकें। भाजपा की महिला मोर्चा महिला शिक्षा तथा स्वास्थ्य के विषयों पर कार्यक्रम की रचना करनी चाहिए। कन्या भ्रूण हत्या, दहेज़, घरेलू हिंसा जैसी सामाजिक बुराइयों के खिलाफ हमें दृढ़ता से काम करने की जरूरत है। महिला मोर्चा को सेल्फ हेल्प ग्रुप्स और अन्य महिला संगठनों के साथ संवाद को लगातार बढ़ाना चाहिए। इसके लिए हमें समय-समय पर कार्यक्रमों की रचना भी करनी चाहिए। महिला मोर्चा ने पोषण अभियान को हाथ में लिया है, इसे हमें हर हाल में सफल बनाना है।
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