Thursday, Sep 28, 2023
-->
jyotiraditya-scindia-saved-shivraj-bjp-govt-but-his-own-status-got-a-dent-rkdsnt

सिंधिया ने बचाई शिवराज सरकार, मगर खुद के रुतबे को लगा डेंट

  • Updated on 11/10/2020

नई दिल्ली/नवोदय टाइम्स ब्यूरो। मध्य प्रदेश के श्रीमंत के आधे दर्जन सामंतों की हार ने राज्य की सियासत में उनके रुतबे को डेंट लगा दिया है। श्रीमंत खुद भी पिछला लोक सभा चुनाव हार गए थे। हालांकि इस हार का उनके भविष्य पर कोई खास असर नहीं पड़ता दिख रहा है। शिवराज सिंह सरकार को बरकरार रखने में मिली सफलता के चलते पार्टी हाईकमान की मेहरबानी उन पर बरकरार है। मध्य प्रदेश के 28 सीटों पर हुए उपचुनाव पर पूरे देश की नजरें थीं। इसके तीन कारण थे। 

प्रभाव वाली 20 सीटों में से कई पर भाजपा पिछड़ी

एक, कांग्रेस से बगावत कर उपचुनाव का कारण बने ज्योतिरादित्य सिंधिया और विधायक-मंत्री रहे उनके समर्थकों का भविष्य तय होना था तो दूसरा कारण कमलनाथ सरकार को गिराकर सत्ता हथियाने वाली भाजपा की शिवराज सिंह के नेतृत्व वाली सरकार का भविष्य। तीसरा कारण कमलनाथ थे, जिन्हें किसी भी हाल में कांग्रेस की सत्ता में वापसी करानी थी। 28 में से 19 से 20 सीटें भाजपा के पक्ष में जाती दिख रही हैं।   

बिहार में वाम दलों का बेहतर प्रदर्शन, 18 सीटों पर आगे, कन्हैया की रैलियों का दिखा असर

सात से आठ सीटें कांग्रेस या अन्य के खाते में जाती दिख रही हैं। हालांकि अब तक जितने परिणाम आए हैं, उससे शिवराज सरकार बहुमत में आ चुकी है और भाजपा की सत्ता पूरी तरह पुख्ता हो चुकी है। लेकिन राज्य में श्रीमंत कहे जाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया के जलवे में हल्का ही सही, डेंट तो लग गया है। उनके कुछ खास कुछ सिपहसालार चुनाव हारते दिख रहे हैं।

मध्यप्रदेश उपचुनाव में कमलनाथ ने कांग्रेस की हार स्वीकारी


ग्वालियर-चंबल संभाग की जिन 16 सीटों पर सिंधिया का प्रभाव माना जाता है, उन्हीं में से आधी दर्जन सीटें भाजपा हार गई। इसे सिंधिया के लिए व्यक्तिगत सियासी नुकसान के तौर पर देखा जा रहा है। 2019 में सिंधिया खुद का लोकसभा चुनाव हार चुके हैं। भाजपा ने उन्हें राज्यसभा के जरिए संसद में पहुंचाया है। ऐसे में क्या भाजपा में सिंधिया का रुतबा वैसा ही बना रह पाएगा, जैसा कांग्रेस में रहते हुए था। मालूम हो कि सिंधिया जब तक कांग्रेस में रहे, अपने इसी रुतबे के चलते शीर्ष नेतृत्व के आंख का तारा बने रहे।

झारखंड उपचुनाव परिणाम : BJP को हराकर कांग्रेस ने बेरमो, JMM ने दुमका सीटें जीतीं

हालांकि जानकार कह रहे हैं कि संभाग की मुरैना सीट की हार अकेले सिंधिया के खाते में नहीं डाली जानी चाहिए। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर मुरैना से सांसद हैं। इसलिए यह उनके खाते में भी गिनी जानी चाहिए। लेकिन शिवराज सरकार में मंत्री इमरती देवी का पीछे रहना सिंधिया के लिए झटका है। इमरती देवी के लिए कमलनाथ के आइटम वाले बयान पर भाजपा और सिंधिया ने भावनात्मक कार्ड खेला था। इसे खूब प्रचारित किया था। इसका फायदा राज्य की दूसरी सीटों पर लेने में भाजपा भले ही कामयाब हुई हो, लेकिन डबरा में फंसती दिख रही है।

बिहार विधानसभा चुनाव की मतगणना चल सकती है देर रात तक : चुनाव आयोग

 

 

यहां पढ़ें कोरोना से जुड़ी महत्वपूर्ण खबरें...

Hindi News से जुड़े अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, ट्विटर पर फॉलो करें।हर पल अपडेट रहने के लिए NT APP डाउनलोड करें। ANDROID लिंक और iOS लिंक।
comments

.
.
.
.
.