नई दिल्ली/अनुज श्रीवास्तव । कोरोना वायरस के खात्मे के लिए कई देशों के वैज्ञानिकों ने रिसर्च करते हुए कई वैक्सीन बनाई हैं। जिसमें भारत का भी नाम है। भारत ने वैक्सीन बनाई और उसे इस महामारी के दौर में अन्य देशों को मुफ्त में दे दिया। जिसके बाद भारत के साथ ही अन्य देशों ने भी वैक्सीनेशन प्रकिया शुरु कर दी है।
भारत में वैक्सीनेशन प्रकिया के बाद भी कुछ लोग ऐसे हैं जिनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आ रही है। ऐसे में अब सवाल उठता है कि क्या वैक्सीन इन लोगों पर फेल हो गई। ऐसे ही कई सवाल इस वक्त आप लोगों के मन में भी होंगे कि क्या वैक्सीन कोरोना के खात्मे के लिए सटीक नहीं है। चलिए तो हम आपको इन सवालों के जवाब देते हैं।
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वैक्सीन के बाद हो सकता है कोरोना भारत में शुरु हुई वैक्सीनेशन प्रकिया के बाद कई राज्यों में कुछ केस ऐसे निकले हैं जिन्हें वैक्सीन की डोज लेने के बाद कोरोना हो गया हो। ऐसे में इस सवाल का जवाब है कि उन लोगों के शरीर में पहले से ही कोरोना वायरस था जिसके कारण वैक्सीन लेने के चंद दिनों बाद उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई। ऐसे में इसका पूरा दोष वैक्सीन पर लगाना गलत है कि वैक्सीन फेल हो गई। आपको बता दें कि इस वक्त तक पूरे विश्व में कई करोड़ों लोगों को वैक्सीन लग चुकी है। ऐसे में कुछ लोगों के पॉजिटिव आना एक नॉर्मल है। इसलिए ऐसा कहना बिल्कुल गलत होगा कि वैक्सीन फेल होगई।
कोई भी वैक्सीन 100 फीसदी परफेक्ट नहीं वैक्सीन को बनने में कई साल लगते हैं उसके बाद कई परीक्षण करने के बाद भी कोई ये दावा नहीं कर सकता है कि कोई वैक्सीन 100 फीसदी परफेक्ट हैं। ऐसे में कोरोना वैक्सीन को तो सिर्फ 1 साल में तैयार किया गया है। इसलिए ये भी 100 फीसद परफेक्ट नहीं होगी। वहीं इस बारे में बताते हुए ब्लूमबर्ग के फार्मा इंडस्ट्री एनालिस्ट सैम फाजली ने बताया कि ऐसी स्टरलाइजिंग इम्युनिटी जो केवल बीमारी ही नहीं बल्कि संक्रमण को भी पूरी तरह से रोक दे ऐसी वैक्सीन मिलना काफी दुलर्भ है।
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17 दिन बाद भी पॉजिटिव होने की रहती है आशंका जॉन्स हॉपकिंस सेंटर फॉर हेल्थ सिक्योरिटी के अमेश ए अदलजा ने बताया कि जो भी व्यक्ति वैक्सीन लेता है उसके शरीर में कोरोना वायरस को रोकने के लिए एंटीबॉडी बनाने में समय लगता है। ऐसे में अगर शरीर में पहले से ही कोरोना वायरस के सिमटम होंगे तो वो एंटीबॉडी डेवलप ही नहीं हो पाएगी।ऐसे में साइंटिस्ट विलियम ए. हैसेल्टाइन ने इजरायल के रिसर्च में बताया गया है कि वैक्सीन लेने के 12 दिन बाद या कहें कि 17 दिन बाद भी करीब 60-80 प्रतिशत लोगों के संक्रमित होने की संभावना बनी रहती है।
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