नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। भारत में आजकल चीनी लोन एप की वजह से कई लोगों को अपनी जान गवानी पड़ रही है। ऐसे कई चीनी ऐ्प्स हैं जो भारतीयों को बड़ी आसनी से कर्ज दे देते हैं मगर बाद में जिस तरीके से वह वसूली करते हैं वह कई लोगों को जान देने पर मजबूर कर देता है। बता दें हैदराबाद ने ऐसे ही एक गिरोह का भांडा फोड़ा है।
बता दें हैदराबाद से लेकर गुरुग्राम तक पुलिस ने छापेमारी करके ऐसे कई चीनी नागरिकों को गिरफ्तार किया था। जो इस तरह से लोन के जाल में लोगों को फंसा रहे थे। यह लोग कैश मामा, लोन जोन, धनाधन लोन, कैश अप, कैश बस, मेरा लोन नाम के ऐप चलाते हैं। यह ऐप आम लोगों को इंस्टेंट लोन दे देते हैं। और उनको 7- दिन से 30 तक दिन तक का समय देते हैं अगर आप उनके पैसे वापिस समय से नहीं कर पाते तो आप पर भारी भरकम फाइन लगाते हैं। उनको सार्वजनिक तौर पर जलील करते हैं।
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बड़ी आसानी से लोन देकर फंसाते हैं लोग इस घटना के बाद यह लोग इतने मजबूर हो जाते हैं कि अपनी जान तक दे देते हैं। यह एप सबसे पहले आपको बड़ी आसनी से 1.5 हजार से 50 हजार तक का लोन दे देते हैं। अगर आपने कर्ज नहीं भरा तो आप पर प्रतिदिन के हिसाब से 3000 से भी ज्यादा फाइन लगाने लगते हैं। आपकी किस्त की तारीख निकलते ही इनकी पूरी टीम आपको फोन करने लगती है आपकी गाली देती है और आपको सार्वजनिक जलील करने के लिए धमकाया जाता है।
शक्स ने की आत्महत्या ऐसे ही एक शख्स मोहन ने बहुत जरुरी काम होने पर इस तरह के चाइनीज एप से लोन ले लिया था। उसके बाद वह समय से किस्त नहीं दे पाया तो इन एप ने उस पर इतना भारी भरकम फाइन लगा दिया कि उसकी हालत खराब हो गई। उसके पास उतने पैसे नहीं थे तो उसे सार्वजनिक तौर पर जलील किया गया। उसने इन सब से परेशान होकर आत्महत्या कर ली।
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अब तक 1.5 करोड़ ट्रांजेक्शन हुए एक आंकड़े के अनुसार अब तक ऐसे 1.5 करोड़ ट्रांजेक्शन किए जा चुके हैं। पुलिस के अनुसार इन लोगों ने 21000 करोड़ से ज्यादा का डिजिटल लोन बांटा है। पुलिस को डर है कि अब ऐसा न हो इनको भी बदनाम करने के बहाने यह लोग परेशान करने लगे। और इन लोगों को भी दवाब में आकर अपनी जान देनी पड़े। पुलिस अब इस तरह के लोगों को पकड़ रही है ताकि उन्हें सबक सिखाया जा सके। इन लोगों की वजह से कई लोग जान दे चुके हैं। देश में 45 फीसद लोगों के पास 10 हजार से भी कम मिलती है सैलरी बता दें कि भारत में करीब 45 फीसद लोग 10 हजार से भी कम महीने में पैसे कमाते हैं। देश की एक बहुत बड़ी आबादी सरकारी योजनाओं से दूर है। ऐसे में इन इंस्टेंट लोन के चक्कर में फंस कर यह लोग बेवकूफ बन जाते हैं। बाद में हालत इतनी खराब हो जाती है कि इनको अपनी जान तक देनी पड़ रही है।
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