Saturday, Mar 25, 2023
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स्मृति ईरानी के इस फैसले का AAP मंत्री ने उड़ाया मजाक

  • Updated on 4/27/2016

Navodayatimes

नई दिल्ली,टीम डिजिटल : मानव संसाधन मंत्रालय ने देश के सभी आईआईटी संस्थानों में संस्कृत को पाठ्यक्रम में शामिल करने को कहा है। स्मृति ईरानी ने कहा कि संस्कृत साहित्य बहुत समृद्ध है। ऐसे में आईआईटी से निवेदन किया गया है कि संस्कृत साहित्य में मौजूद साइंस और टेक्नोलॉजी की स्टडी के लिए संस्कृत पढ़ाई जाए। 

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी ट्वीट कर के कहा है कि 'हर किसी को यह समझ लेना चाहिए कि संस्कृत ही एकमात्र ऐसी भाषा है जो सी प्लस प्लस, जावा, एसओएल, पाइथन और जावा स्क्रिप्ट का मुकाबला कर सकती है।एकबार आईआईटी में संस्कृत की पढ़ाई शुरू होने के बाद देश के ऐसे सभी कंप्यूटरों को जोसी प्लस प्लस, जावा, एसओएल, पाइथन का इस्तेमाल कर रहे हैं, उन्हें राष्ट्रविरोधी घोषित कर देना चाहिए।

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स्मृति ईरानी के इस फैसले पर कांग्रेस का कहना है कि दबाव डालकर संस्कृत पढ़वाना उचित नहीं है। कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा है कि 'मुझे नहीं लगता कि आईआईटी पढऩे वाले इंजीनियर को अपने प्रोफेशन में संस्कृत की कहीं जरूरत पढ़ेगी'। यह प्रैक्टिकल नहीं है। संस्कृत शुरुआत से ही पाठ्यक्रम में शामिल हो और जो पढऩा चाहे उनको सारी सुविधा दी जाये। 

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वहीं कांग्रेसी नेता संदीप दीक्षित ने कहा कि आईआईटी का इंजीनियरिंग से लेना देना है। उसका किसी भाषा से लेना-देना नहीं है। संस्कृत वहां पढ़ाया जाये, जहां पढ़ानी है। करना ही है तो इसे स्कूलों में अनिवार्य किया जाये। यूनिवर्सिटीज खोली हैं उन पर काम कीजिए। किसी भी भाषा का प्रोत्साहन थोप कर नहीं हो सकता। संस्कृत का प्रोत्साहन करने के लिए और भी बहुत से तरीके हैं।

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