नई दिल्ली / सुनील पाण्डेय: नई दिल्ली से वाराणसी के बीच चलने वाली वीआईपी ट्रेन वंदे भारत अब सप्ताह में 6 दिन चलेगी। नए बदलाव के अनुसार 20 मार्च से नए रैक के साथ रेल यात्रा शुरू होगी। उन्नत सुविधाओं वाले नये रैक के साथ वाराणसी वंदे भारत रेल सेवा अब सोमवार को भी चलेगी,बृहस्पतिवार को छोड़कर, सप्ताह में 6 दिन। वाराणसी वंदे भारत 20 मार्च से से प्रत्येक रविवार, सोमवार, मंगलवार, बुधवार, शुक्रवार और शनिवार को चलेगी। इससे दोनों राज्यों की स्थानीय अर्थव्यवस्था और पर्यटन क्षेत्रों में बढ़ोतरी होगी। यह भारत की सबसे तेज चलने वाली रेलगाड़ी है। यात्रियों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए उत्तर रेलवे ने 22436/22435 नई दिल्ली-वाराणसी-नई दिल्ली वंदे भारत एक्सप्रेस रेलगाड़ी को उसके मौजूदा डिब्बों के संयोजन, समय सारणी और ठहरावों के साथ सोमवार के दिन बढ़ाई गई अतिरिक्त सेवा के साथ सप्ताह में 6 दिन चलाने का निर्णय किया है। वंदे भारत का सप्ताह में 6 दिन चलना दोनों राज्यों अर्थात उत्तर प्रदेश और नई दिल्ली की स्थानीय अर्थव्यवस्था और पर्यटन क्षेत्रों में बढ़ोतरी होगी। वंदे भारत एक्सप्रेस भारत में यात्री सेवा को पुनर्परिभाषित करने वाली नए युग की रेल सेवा है ।
इसकी अधिकतम गति सीमा 180 किमी प्रति घण्टा है, जबकि इसकी परिचालनिक गति 130 किमी घण्टा है। रेलवे प्रवक्ता के मुताबिक वाराणसी वंदे भारत के नए रैक में ऑन-बोर्ड वाई-फाई इंफोटेनमेंट, जीपीएस आधारित यात्री सूचना प्रणाली, आलीशान भीतरी सज्जा, स्पर्श रहित सुविधाओं वाले बायो-वैक्यूम शौचालय, रिफ्यूज्ड एलईडी लाइट, प्रत्येक सीट के नीचे चार्जिंग प्वाइंट, प्रत्येक सीट के लिए स्पर्श आधारित रीडिंग लाइट और कन्सील्ड रोलर ब्लाइंड, हीट वेंटिलेशन और रोगाणुमुक्त हवा की आपूर्ति के लिए अल्ट्रावायलेट लैम्प वाली वातानुकूलन प्रणाली जैसी आधुनिक यात्री सुविधाएं हैं। इस रेलगाड़ी की इंटेलिजेंट वातानुकूलन प्रणाली मौसम की स्थितियों कोच खाली रहने की स्थिति में कूलिंग को स्वत: व्यवस्थित करती है।
बता दें कि स्वदेशी स्तर पर निर्मित, सेमी हाईस्पीड सेल्फ प्रोपेल्ड ट्रेन सेट 16 कुर्सीयान कोच 50 प्रतिशत पावर्ड एक्सेल (हर वैकल्पिक कोच पावर्ड) स्टेनलेस स्टील कार बॉडी 140 सेकंड में 160 किलोमीटर प्रति घंटा तक पहुंचने की क्षमता।
3.5(राइडिंग इंडेक्स) पर यात्री सेवा, स्लाइडिंग फुट स्टेप के साथ स्वचालित दरवाजे एग्जीक्यूटिव श्रेणी में 180 डिग्री तक घूमने की क्षमता वाली मॉड्यूलर सीटें लगाई गई हैं। इसके अलावा वातानुकूलन,कम्युनिकेशन और कंट्रोल सेंटर, अनुरक्षण कर्मचारियों के फीडबैक के लिए जीएसएम एवं जीपीआरएस के जरिए निगरानी के लिए कोच कंट्रोल मैनेजमेंट सिस्टम हीट वेंटिलेशन और रोगाणुमुक्त हवा की आपूर्ति के लिए अल्ट्रावायलेट लैम्प वाली वातानुकूलन प्रणाली है। वातानुकूलित हवा के ध्वनिरहित और समान वितरण के लिए विशेष एयरकंडीशनिंग डक्ट, दिव्यांग यात्रियों के लिए विशेष प्रकार के शौचालय की व्यवस्था की गई है। रेलवे प्रवक्ता के मुताबिक यात्री सूचना और इंफोटेनमेंट के लिए प्रत्येक डिब्बे में 32 की स्क्रीन, बेहतर ट्रेन नियंत्रण प्रबंधन के लिए लेवल-2 का सेफ्टी इंटीग्रेशन प्रमाणन कवच (टक्कर रोधी प्रणाली) स्थापित है। साथ ही प्रत्येक कोच में इमरजेंसी लाइट कोच के बाहर रियर व्यू कैमरा सहित चार प्लेटफॉर्म साइड कैमरे लगाए गए हैं।
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