नई दिल्ली/ नेशनल ब्यूरो : हरित क्रांति व श्वेत क्रांति के उपरांत भारत ने अब 'मधु क्रांति' की ओर कदम बढा रहा है। केंद सरकार ने इस दिशा में 500 करोड रूपये की राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन एवं शहद मिशन' योजना प्रारंभ की है। इस दिशा में केद्रीय कृषि एव॔ किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा सहकारी क्षेत्र के ब्रांड 'अमूल शहद' को लांच किया जा रहा है। उल्लेखनीय है केंद्र सरकार ने आत्मनिर्भर भारत दिशा में राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन एवं शहद मिशन के लिए चालू वित्त वर्ष ( 2020-2021) से वित्तिय वर्ष 2022-2023 तक के लिए 500 करोड रूपये आवंटित किए गए हैं। स्वयं केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर 28 सितंबर को सहकारी क्षेत्र के ब्रांड 'अमूल शहद' को लांच करेंगे। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त सचिव डाॅ अभिलक्ष लिखी के मुताबिक राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड द्वारा 'मधु क्रांति' के लक्ष्य की प्राप्ति की दिशा में देश में वैज्ञानिक व उच्च तकनीक आधारित मधुमक्खी पालन का समग्र विकास व विस्तार किया जा रहा है। ' मीठी क्रांति' के परिणामस्वरूप छोटे शहद उत्पादक किसानों विशेषकर सीमांत किसानों द्वारा उत्पन्न किए जा रहे शहद के लिए बेहतर विपणन का आधार स्थापित होने जा रहा है।केद्र सरकार के इन प्रयासों के परिणामस्वरूप शहद उत्पादक किसानों आर्थिक स्थिति भी सुदृढ हो सकेगी। 'राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन एवं शहद मिशन' के अंतर्गत शहद की गुणवता व अन्य संदर्भित कार्यों के लिए गुजरात में एक अत्याधुनिक शहद परीक्षण प्रयोगशाला स्थापित की चुकी है। इसके अतिरिक्त दिल्ली व बेगंलूरू भी अत्याधुनिक शहद परीक्षण प्रयोगशालाएं स्थापित किए जाने का कार्य प्रगति पर है। इसी दिशा में विभिन्न 13 जिला स्तरीय सैटेलाइट शहद एवं अन्य मधुमक्खी उत्पाद परीक्षण प्रयोगशालाएं भी स्थापित की जाएंगी। शहद उत्पादक किसानों के व्यवसाय को मजबूत आधार दिए जाने की दिशा में 'राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन एवं शहद मिशन' के अंतर्गत प्रक्रियाओं को कार्यरूप देने के लिए राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड द्वारा देशभर चुने गए क्षेत्रों में शहद उत्पादक किसानो के 100 किसान उत्पादक संगठन गठित किए जा रहे हैं। महत्वपूर्ण रूप से नैफेड द्वारा अपने स्टोरों में 14 शहद कार्नर भी विकसित किए जा चुके हैं और यह क्रम निरंतर जारी रहेगा। शहद उत्पादक किसानों के उत्पादों के स्त्रोत के लिए आनलाईन पंजीकरण प्रणाली के लिए 'मधुक्रांति' पोर्टल प्रारंभ किया गया है। इस प्रणाली से उपभोक्ताओं की शहद के स्त्रोत व उत्पादों की गुणवत्ता सुनिश्चित किए जाने में सक्षमता बढेगी। शहद उत्पादक किसानों, शहद उत्पादक इकाईयों व विपणन श्रृंखला से संदर्भित डाटाबेस के लिए पोर्टल को विकसित किया जा रहा है। विवरणानुसार 16 लाख मधुमक्खी कालोनियों वाले मधुमक्खी पालकों व शहद समितियों का विवरण 'मधुक्रांति' पोर्टल पर अपलोड किया गया है। देश में गुणवत्तायुक्त मधुमक्खी कालोनियों की वृद्धि के लिए 29 मधुमक्खी प्रजनकों को विकसित किया गया है। देश के हरियााणा, दिल्ली, बिहार,पंजाब, मध्यप्रदेश,उत्तर प्रदेश,मणिपुर,उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, तमिलनाडू, कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश,पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, आंध्र प्रदेश और अरूणाचल प्रदेश में मधुमक्खी पालन के रोल माॅडल के रूप में 16 एकीकृत मधुमक्खी पालन विकास केंद्र प्रारंभ किए गए हैं। मधुमक्खी पालन को डेयरी सहकारी समितियों व संघों से जोडने की संभावनाओं पर भी कार्य किया जा रहा है।
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