Thursday, Jun 01, 2023
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एनआरएफ बने सभी विधाओं हेतु समावेशी: एबीवीपी

  • Updated on 9/17/2021

नई दिल्ली। टीम डिजिटल। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में घोषित राष्ट्रीय अनुसंधान प्रतिष्ठान (एनआरएफ) को सभी शिक्षण विधाओं एवं शोध क्षेत्रों हेतु समावेशी व सर्वस्पर्शी बनाने की मांग अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने किया है। एबीवीपी ने कहा कि भारत के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. के. विजयराघवन की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है। अकादमिक क्षेत्र में विषय उठा है कि राष्ट्रीय अनुसंधान प्रतिष्ठान को केवल विज्ञान तक ही सीमित नहीं रखना चाहिए बल्कि इसके दायरे को विज्ञान, मानविकी, कला और संस्कृति के क्षेत्रों तक विस्तृत किया जाना चाहिए। 
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एनआरएफ का उद्देश्य शोधकर्ताओं को सशक्त बनाना है: निधि त्रिपाठी
एबीवीपी ने कहा कि भारत में अनुसंधान के सभी पहलुओं, चाहे वह स्वदेशी रक्षा अनुसंधान, अंतरिक्ष अनुसंधान, कृषि अनुसंधान, चिकित्सा अनुसंधान या कपड़ा अनुसंधान हो, को वित्तपोषण, परामर्श और निर्माण के लिए राष्ट्रीय अनुसंधान प्रतिष्ठान के अंतर्गत शामिल किया जाना चाहिए ताकि देश में अनुसंधान की गुणवत्ता को बढ़ाया जा सके। सामाजिक-सांस्कृतिक क्षेत्र जैसे ग्रामीण परिस्थितिकी और पर्यावरण अनुसंधान, सामाजिक सरोकार, पारंपरिक इतिहास आदि जैसे अनुसंधानों में काफी संभावनाएं हैं। एबीवीपी की राष्ट्रीय महामंत्री निधि त्रिपाठी जी ने कहा कि राष्ट्रीय अनुसंधान प्रतिष्ठान का उद्देश्य देश में सभी धाराओं में काम करने वाले शोधकर्ताओं को सशक्त बनाना है। इस वर्ष के बजट में राष्ट्रीय अनुसंधान प्रतिष्ठान के लिए 50 हजार करोड़ रुपए आवंटित होने से, यह अत्यंत महत्त्वपूर्ण हो जाता है कि अनुसंधान के सभी क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया जाए जिससे की देश में अंततः अनुसंधान की गुणवत्ता में सुधार हो। 
 

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