Saturday, Sep 23, 2023
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अधिकारी ईमानदारी, मेहनत से करें काम, उन्हें कोई छू नहीं सकता: वीके सक्सेना 

  • Updated on 5/26/2023

-एक साल में हुए इतने काम, एक दशक में नहीं हुए 
नई दिल्ली/टीम डिजिटल। दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने एक साल के कार्यकाल के पूरे होने पर शुक्रवार को अपने प्रशासन में किए गए कार्यों को सूचीबद्ध किया और दावा किया कि राष्ट्रीय राजधानी में पिछले एक दशक में भी इतना काम नहीं हुआ है। उपराज्यपाल ने प्रभावी सेवा मुहैया कराने के लिए लोक सेवकों की क्षमता निर्माण संबंधी कार्यशाला में अधिकारियों से बिना दबाव में झुके, ईमानदारी और कड़ी मेहनत से काम करने का कहा। 
       आईएएस, दानिक्स, दानिक्स अधिकारियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, दबाव के आगे झुके बिना कड़ी मेहनत एवं ईमानदारी से काम करो। कोई आपको छू नहीं सकता। आपका कोई नुकसान नहीं होगा। केंद्र सरकार ने आईएएस, दानिक्स सेवा के अधिकारियों के स्थानांतरण तथा उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही के लिए राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण बनाने के वास्ते शुक्रवार को एक अध्यादेश जारी किया है और उसके बाद यह पहली खुली बैठक रही जहां अधिकारियों को एलजी ने भरोसा, आत्मविश्वास दिया। 
         उन्होने कहा, पहले एक साल में पांच हजार को नौकरी मिलती थी लेकिन पिछले एक साल में 17 हजार लोगों को पक्की नौकरी दी, अत्यधिक दूषित यमुना में बदलाव आया और उम्मीद है कि नदी का पुराना गौरव बहाल हो जाएगा। उपराज्यपाल ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने 28 साल और उसके बाद एनजीटी ने आठ साल तक नदी की सफाई की निगरानी की, लेकिन नतीजा नहीं निकला। एनजीटी के आठ जनवरी के आदेश (जिसमें यमुना सफाई की समिति का अध्यक्ष एलजी को बनाया है) के बाद उन्हीं अधिकारियों के कार्यों में उल्लेखनीय अंतर आया है जो पहले भी परियोजना में शामिल थे।

 उन्होने दिल्ली जल बोर्ड के एक सहायक अभियंता का उदाहरण दिया कि अपने भाई की मौत हो जाने के बावजूद एक दिन की छुट्टी के बाद काम पूरा करने के लिए ड्यूटी पर लौट आया। ऐसे जुनून और समर्पण के सामने कोई भी काम मुश्किल नहीं है। उन्होने दिल्ली के दामन पर कलंक कहे, तीनों कचरे के पहाड़ों को हटाया जा रहा है। दिल्ली सरकार के अधिकारियों से उन्होने कहा नौकरशाह लोगों से दूरी न बनाएं, खुद को मालिक समझने की मानसिकता बदलें, बाहर जाएं, जमीनी हकीकत समझें, काम करें। उपराज्यपाल ने कार्यशाला में मौजूद मुख्य सचिव नरेश कुमार की सराहना करते हुए उन्हें ऐसा कर्मयोगी बताया जो चौबीसों घंटे काम करने के लिए तैयार रहते हैं। 
 

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