Sunday, Mar 26, 2023
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Opposition members left the Standing Committee meeting due to non-discussion on ''Agneepath''

‘अग्निपथ’ पर चर्चा नहीं कराने से विपक्षी सदस्यों ने स्थायी समिति की बैठक छोड़ी

  • Updated on 7/22/2022

नई दिल्ली/नेशनल ब्यूरो। सेना में संविदा पर चार साल के लिए ‘अग्निवीरों’ की भर्ती योजना ‘अग्निपथ’ पर चर्चा नहीं कराने से नाराज विपक्षी दलों के तीन सदस्य शुक्रवार को रक्षा संबंधी संसद की स्थायी समिति की बैठक बीच में ही छोड़ कर बाहर चले गए। विपक्षी सदस्यों का आरोप है कि सरकार न तो संसद में इस मुद्दे पर चर्चा करा रही है और न ही समिति में चर्चा को तैयार है। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार में बगैर चर्चा के विधेयक मनमानी ढंग से पारित कराए जा रहे हैं।

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भाजपा के वरिष्ठ नेता जुएल उरांव की अध्यक्षता वाली इस स्थायी समिति से बसपा के सदस्य कुंवर दानिश अली और कांग्रेस सांसद के सी वेणुगोपाल और उत्तम कुमार रेड्डी ने अग्निपथ योजना पर चर्चा की मांग उठाई थी। लेकिन उरांव ने यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया कि मामला संसद में उठाएं। सूत्रों के मुताबिक बैठक की शुरुआत होने पर बसपा सांसद दानिश अली ने सबसे पहले अग्निपथ पर चर्चा की मांग रखी। अध्यक्ष उरांव ने अस्वीकार कर दिया। इसके बाद कांग्रेस के सदस्यों ने भी यही मांग उठाई। सूत्रों ने बताया कि विपक्षी सदस्यों ने दलील दी कि समिति में यह विषय उठाए जाने की उनकी मांग जायज है, क्योंकि ‘अग्निपथ’ योजना सेना से संबंधित है और उनकी मांग को नहीं माना जाना बतौर सदस्य उनके विशेषाधिकारों का हनन है। 

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बैठक से बाहर आने के बाद कांग्रेस के संगठन महासचिव और समिति के सदस्य के सी वेणुगोपाल ने ट्विट किया, ‘उत्तम कुमार रेड्डी, कुंवर दानिश अली और मैं रक्षा मामलों की स्थायी समिति से विरोध करते हुए बाहर निकल गए, क्योंकि हमारे बार-बार आग्रह के बावजूद इस बैठक में विवादित अग्निपथ योजना पर चर्चा नहीं हुई। मैंने पहले एक पत्र में भी समिति के अध्यक्ष से यही आग्रह किया था।’ उन्होंने कहा, ‘हमने अध्यक्ष से यह स्पष्ट करने का आग्रह किया कि अग्निपथ योजना को लेकर स्थायी समिति को अंधेरे में क्यों रखा गया, वित्तीय प्रभाव होने के बावजूद समिति की बजट संबंधी छानबीन में इस योजना को शामिल क्यों नहीं किया गया?’ वेणुगोपाल ने दावा किया, ‘संसद में कोई चर्चा नहीं हो रही, संसद की स्थायी समितियों की बैठक में कोई चर्चा नहीं होती। इस तरह से मोदी काल में विधेयकों को मनमाने ढंग से पारित कराया जाता है।’

 

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