Wednesday, Dec 06, 2023
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opposition parties insisted discussion investigation on case related to adani group

अडाणी समूह से जुड़े मामले पर चर्चा और जांच पर विपक्षी दलों ने दिया जोर

  • Updated on 2/3/2023

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। कांग्रेस और 15 अन्य विपक्षी दलों ने शुक्रवार को इस बात पर जोर दिया कि वे अडाणी समूह के खिलाफ ‘हिंडनबर्ग रिसर्च' द्वारा लगाए गए आरोपों से जुड़े मामले पर चर्चा और जांच की मांग संसद के दोनों सदनों में उठाते रहेंगे। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के संसद भवन स्थित कक्ष में 16 दलों की बैठक में कांग्रेस, द्रमुक, आम आदमी पार्टी, भारत राष्ट्र समिति, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, जनता दल (यूनाइटेड) और कई अन्य दलों के नेता शामिल हुए।

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तृणमूल कांग्रेस ने इस बैठक में हिस्सा नहीं लिया, जबकि बृहस्पतिवार को हुई विपक्षी दलों की बैठक में लोकसभा में पार्टी के नेता सुदीप बंदोपाध्याय और राज्यसभा में नेता डेरेक ओब्रायन शामिल हुए थे। सूत्रों ने बताया कि विपक्षी दलों ने अडाणी समूह से जुड़े मामले पर चर्चा और आरोपों की जांच की मांग संसद के दोनों सदनों में उठाते रहने पर जोर दिया।

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सूत्रों का यह भी कहना है कि विपक्ष की पार्टियां इस विषय पर सोमवार को संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष प्रदर्शन भी कर सकती हैं। विपक्षी दलों की बृहस्पतिवार को हुई बैठक में इस मामले की जांच के तौर-तरीके को लेकर विपक्ष की पार्टियों में एक राय नहीं थी। खरगे ने समान विचारधारा वाले विपक्षी दलों की बैठक के बाद इस मुद्दे पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच की मांग की थी, लेकिन नेताओं के एक समूह ने उच्चतम न्यायालय की निगरानी वाली जांच या भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा जांच का समर्थन किया था।

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इस विषय पर चर्चा कराने तथा इसकी जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित किए जाने की मांग को लेकर शुक्रवार को संसद के दोनों सदनों में विपक्षी सदस्यों ने हंगामा किया, जिसके कारण कार्यवाही बाधित हुई और एक बार के स्थगन के बाद दोनों सदनों की बैठक दोपहर दो बजे पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई। हिंडनबर्ग रिसर्च की एक रिपोर्ट में अडाणी समूह पर शेयरों की कीमतें बढ़ाने के लिए धोखाधड़ी किए जाने के आरोप लगने के बाद से लगातार बिकवाली हो रही है। इस दौरान अडाणी एंटरप्राइजेज को सर्वाधिक नुकसान हुआ है। अडाणी समूह ने रिपोर्ट को निराधार बताया था।

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