Wednesday, Mar 22, 2023
-->
pension will be restored or the government will go, union leaders shouted

पेंशन बहाल होगी या सरकार जाएगी, यूनियन नेताओं ने भरी हुंकार

  • Updated on 1/20/2023

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। देश भर के 36 लाख केंद्रीय कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने के लिए अब अलग-अलग कर्मचारियों की यूनियन एक होने लगी हैं। इन्होने दो टूक कह दिया है, पुरानी पेंशन नहीं तो ये (नरेंद्र मोदी) सरकार नहीं। सरकार के खिलाफ मोर्चाबंदी के लिए आगे की रूपरेखा निर्धारित करने के लिए अब शनिवार को केंद्र व राज्य सरकार के कर्मचारियों के संघों और यूनियनों का  राष्ट्रीय सम्मेलन राजधानी में आयोजित हो रहा है। 
    यह जानकारी देते हुए अभियान के संयोजक शिवगोपाल मिश्रा ने कहा, 1 जनवरी 2004 या उसके बाद भर्ती हुए केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए लागू की गई राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली और विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा अपने कर्मचारियों के लिए अलग-अलग तारीखों और वर्ष से लागू की गई राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली में सेवानिवृत्ति के बाद कर्मचारियों के लिए घातक साबित हो रही है। 
क्योंकि यह किसी भी तरह से परिभाषित गारंटीशुदा पुरानी पेंशन योजना से मेल नहीं खाती है। बावजूद कि कर्मचारी पेंशन फंड के लिए हर महीने अपने वेतन का 10 प्रतिषत योगदान दे रहे हैं। 
     रेल श्रमिक नेता व अभियान के सह संयोजक एम रघुवैय्या ने बताया, 14 दिसम्बर, 2007 को केंद्र सरकार ने कहा था कि पुरानी पेंशन से कम पैसे नहीं आएंगे लेकिन अब दो हजार या चार हजार रूपए आ रहे हैं। जबकि वही कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना में होते तो मासिक 15 से 25 हजार रूपए मिलेंगे। इसलिए इस गारंटीकृत एनपीएस के खिलाफ  केंद्र सरकार के कर्मचारियों और राज्य सरकार के कर्मचारियों के संघों और ट्रेड यूनियनों के साथ विरोध कार्यक्रम चलाएंगे और सवाल करेंगे आखिर सांसद, विधायकों को भारी भरकम पेंशन और जो कर्मचारी जीवन दे उसे पुरानी पेंशन क्यों नहीं। देश भर की यूनियनों के नेता हरकेश तिवारी, राधेमोहन त्रिपाठी, मुकेश शर्मा, जेआर भोसले, अशोक सिंह आदि ने भी कहा पेंशन बहाल होगी या सरकार जाएगी यह तय है। 
 

comments

.
.
.
.
.