नई दिल्ली/ नेशनल ब्यूरो : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 5 नवंबर को श्री केदारनाथ धाम (उत्तराखंड) की यात्रा पर जायेंगे। वे श्री केदारनाथ धाम मंदिर में पूजा-अर्चना करने के बाद श्री आदि शंकराचार्य समाधि का उद्घाटन करेंगे और उनकी प्रतिमा का अनावरण करेंगे। इसके अलावा केदारनाथ धाम में कई विकास एवं पुनर्निर्माण कार्यों का उद्घाटन भी करेंगे। साथ ही, करोड़ों रुपयों की कई विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे और जारी पुनर्निर्माण कार्यों का निरीक्षण भी करेंगे। बता दें कि 2013 की भयावह बाढ़ की विभीषिका के बाद श्री केदारनाथ धाम का संपूर्ण पुनर्निर्माण कार्य प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में हुआ है और उन्होंने लगातार हर परियोजना की समीक्षा और मॉनिटरिंग की है। भारतीय जनता पार्टी के राष्टीय महासचिव तरूण चुघ के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी का श्री केदारनाथ धाम से गहरा लगाव रहा है। उन्होंने पूरी दुनिया में भारतीय संस्कृति का परचम लहराया है। उनकी केदारनाथ धाम यात्रा के संबंध में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने देश भर में सांस्कृतिक पुनर्जागरण के एक भव्य राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम की रचना की है। इस दिन आदिगुरु शंकराचार्य के जन्मस्थान, उनके द्वारा स्थापित 12 ज्योतिर्लिंग, चार धामों और देश भर के प्रमुख मंदिरों एवं शिवालयों से पूज्य साधु-संत, महात्मा और केंद्रीय मंत्री, भाजपा शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सहित भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता, प्रधानमंत्री मोदी की श्री केदारनाथ धाम यात्रा के दौरान उनके द्वारा श्री आदि शंकराचार्य समाधि के उद्घाटन एवं उनकी प्रतिमा के अनावरण के कार्यक्रम से लाइव जुड़ेंगे। तरूण चुघ के मुताबिक प्रधानमंत्री के देश की सासंकृतिक विरासत को अक्षुण्ण रखने और इस महान विरासत से समस्त देशवासियों को परिचित कराने के इस कार्यक्रम से देश भर के प्रमुख 87 मंदिरों पर महान साधु-संत, महामंडलेश्वर, आचार्य आदि भी जुड़ेंगे। ये सभी मंदिर श्री आदि शंकराचार्य की अखंड यात्रा के मार्ग पर स्थापित हैं। यहाँ पर संत समागम का अद्भुत संगम होगा और देश की आध्यात्मिक चेतना को नया आयाम देने वाले कार्यक्रम होंगे। आदिगुरु शंकराचार्य जी ने देश में आध्यात्मिक संस्कार और आध्यात्मिक चेतना को जागृत करने के लिए जो अभूतपूर्व कार्य किये थे, उससे देशवासियों को परिचित कराने और और उनके द्वारा प्रतिपादित सिद्धांतों को जीवन में उतारने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने इस कार्यक्रम की रचना की है। इसके अतिरिक्त देश भर हजारों शिवालयों पर प्रधानमंत्री के कार्यक्रम को देखने की व्यवस्था की गई है। यहाँ पर विशेष रूप से सांस्कृतिक और धार्मिक आयोजनों की भी व्यवस्था की गई है जो निश्चित रूप से नागरिकों को आध्यात्मिक चेतना के संस्कार से संस्कारित करेगा। काशी विश्वनाथ में मुख्य अर्चक श्रीकांत मिश्र, पुरी गोवर्धन पीठ में शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती, द्वारका शारदा पीठ में ब्रह्मचारी नारायण नंद, रामेश्वरम में रामानंद स्वामी, बैद्यनाथ धाम में मुख्य पुजारी गुलाब नंद झा, शृंगेरी सारदा पीठ में जगद्गुरु भारती तीर्थ महास्वामी, आदि शंकराचार्य की जन्मस्थली कलाड़ी, केरल में मुख्य पुजारी सुधाकर भट्ट, कृष्णा भत्ता, सूर्यनारायण भट्ट एवं प्रबंधक एस अय्यर, महाकालेश्वर में घनश्याम पुजारी, ओंकारेश्वर में दनकेश्वर दीक्षित, नागेश्वरा में हरि भाई पुजारी, सोमनाथ में मंदिर के ट्रस्टी जेडी परमार, भीमाशंकर में मंदिर ट्रस्ट के चेयरमेन सुरेश कौडारे, त्र्यम्बकेश्वर में प्रशांत गायधानी, मल्लिकार्जुन में भाद्रैया स्वामी उपस्थित रहेंगे।
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