नई दिल्ली/नेशनल ब्यूरो। जून और अगस्त में खाली होने जा रही राज्यसभा की 57 सीटों के चुनाव की प्रक्रिया मंगलवार से शुरू हो रही है। 10 जून को मतदान है। इसके साथ ही ओडिशा और तेलंगाना की एक-एक सीट पर उपचुनाव होना है। 15 राज्यों की इन 59 सीटों में से अभी 25 सीटों पर भाजपा काबिज है। उम्मीदवारी के लिए भाजपा और कांग्रेस दोनों में मारामारी मची हुई है।
बढ़ती महंगाई के बीच RBI गवर्नर दास ने रेपो दर में फिर इजाफे का दिया संकेत राज्यसभा की जिन दो सीटों पर उपचुनाव होने हैं, उनमें से तेलंगाना की एक सीट के लिए 30 मई और ओडिशा की एक सीट के लिए 13 जून को मतदान होगा। बाकी 57 सीटों के लिए 10 जून को मतदान है, जिसके लिए मंगलवार से नामांकन प्रक्रिया शुरू होगी। फिलहाल उम्मीदवारों के नाम तय करने में ही सियासी दलों के पसीने छूट रहे हैं। इन 59 सीटों में 31 सीट भाजपा नीत एनडीए के पास है। विभिन्न राज्यों के विधानसभा चुनावों के नतीजों को देखें तो इस बार एनडीए को 8-9 सीटों का नुकसान होता दिख रहा है। वहीं यूपीए में कांग्रेस के 8, डीएमके के 3, शिवसेना और एनसीपी के एक-एक सांसदों को मिलाकर 13 सीटें हैं। अन्य दलों में सपा के 3, बीजेडी के 4, बसपा के 2, टीआरएस के 3 सांसद हैं। जबकि 1-1 सीट वाईएसआर कांग्रेस, अकाली दल और आरजेडी की हैं। इस चुनाव में कुछ राज्यों में निर्दलीयों का साथ मिला तो यूपीए को 3 से 4 सीटों का फायदा हो सकता है।
मथुरा मस्जिद में ‘गर्भ गृह’ के शुद्धिकरण की इजाजत देने के लिए याचिका दाखिल कांग्रेस को सबसे बड़ा नुकसान उत्तर प्रदेश में होने वाला है। विधानसभा में कांग्रेस और बसपा का प्रतिनिधित्व सीमित रह जाने के चलते दोनों दलों को इस बार यूपी से राज्यसभा का एक भी सदस्य नहीं मिलने वाला। राज्य की रिक्त होने जा रही 11 सीटों में से सपा को 3 और भाजपा को 7 सीटें मिल सकती हैं। 11वीं सीट पर भाजपा और सपा के बीच कड़ा मुकाबला हो सकता है। वहीं, महाराष्ट्र में खाली होने जा रही 6 सीटों में से भाजपा को एक सीट का नुकसान हो सकता है। अभी उसके पास दो सीटें हैं। शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस मिलकर लड़ते हैं और निर्दलीयों को साध लिया तो उनके हाथ चार सीटें लग सकती हैं।
राम मंदिर के निर्माण में राजस्थान, तेलंगाना और कर्नाटक पत्थर बढ़ाएंगे शोभा, सितंबर तक प्लिंथ होगा तैयार तमिलनाडु में 6 सीटों के लिए चुनाव होना है। जिस पर अभी डीएमके और एआईएडीएमके के बीच 3-3 सीटें हैं। सत्तारूढ़ डीएमके को इस बार एक सीट के फायदे के साथ 4 सीटें मिल सकती हैं। कांग्रेस से गठबंधन के चलते माना जा रहा है कि डीएमके एक सीट कांग्रेस को दे सकती है, जिसके लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदम्बरम का नाम चल रहा है। चिदम्बरम अभी महाराष्ट्र से राज्यसभा सांसद हैं। बिहार में भाजपा-जदयू गठबंधन को एक सीट का नुकसान होता दिख रहा है। वहीं एक सीट के फायदे के साथ आरजेडी इस बार दो सीटों पर जीत हासिल कर सकती है। भाजपा को राजस्थान में 3 सीटों का नुकसान होता दिख रहा है। राज्य की 4 सीटों में से कांग्रेस निर्दलीय विधायकों को साध कर तीन सीटें जीतने की स्थिति में दिख रही है।
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