नई दिल्ली/टीम डिजिटल। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और समाजवादी पार्टी (SP) के समर्थन के बाद अब शिवसेना (Shivsena) ने भी बंगाल चुनाव से पहले ममता बनर्जी को अपना समर्थन दे दिया है। वहीं दूसरी तरफ बीजेपी के खिलाफ कांग्रेस ने वामदलों के साथ अपना गठबंधन कर लिया है। हालांकि कांग्रेस ने महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ गठबंधन कर रखा है और आरजेडी ने बिहार चुनाव के दौरान आरजेडी के साथ गठबंधन किया था।
कांग्रेस ने दी सफाई इस गठबंधन के बाद एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने सफाई देते हुए कहा है कि 'इन पार्टियों को राज्य में कोई जनाधार नहीं है'। हालांकि इन दलों का वाम-कांग्रेस के गठबंधन पर भरोसा न दिखाकर ममता को समर्थन करने से यह संकेत मिलता है कि कांग्रेस और वाम मिलकर भी राज्य में बीजेपी को नहीं रोक सकते। इसके अलावा अगर ममता बनर्जी को बंगाल में जीत मिलती है और कांग्रेस अन्य राज्यों में अच्छा नहीं करती है तो इसका मतलब है कि आने वाले चुनावों में यह लोग बीजेपी के खिलाफ कांग्रस के नेतृत्व की जगह तीसरे मोर्चे के नेतृत्व को देखना चाहेंगे। पहले से ही यह बात काफी सामने आ रही है कि राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस विपक्ष का नेतृत्व करने लायक नहीं है।
रेलवे स्टेशनों पर अब नहीं मिलेगा मुफ्त वाई-फाई, करनी होगी जेब ढीली
राज्य में 'दीदी बनाम सब' चल रहा शिवसेना नेता संजय राउत ने अपने एक ट्वीट में कहा है कि राज्य में 'दीदी बनाम सब' चल रहा है। वह आरोप लगाते हैं कि राज्य में बीजेपी सभी 'एम' का इस्तेमाल कर रही है। बीजेपी दीदी के खिलाफ मनी, मसल और मीडिया सबकुछ इस्तेमाल कर रही है। वह कहते हैं इसलिए शिवसेना ने राज्य में चुनाव न लड़ने का निर्णय लेते हुए ममता बनर्जी को अपना समर्थन देने का निर्णय लिया है। हम ममता दीदी के साथ मजबूती से खड़े हैं।
कांग्रेस टीएमसी और बीजेपी दोनों से पीड़ित लोकसभा में कांग्रेस के नेता और बंगाल कांग्रेस के प्रमुख अधीर रंजन चौधरी ने शिवसेना, सपा और राजद के समर्थन पर कहा है कि सबका अपना-अपना अनुभव है। वह कहते हैं इन सभी बाहरी क्षेत्रीय पार्टियों ने ममता को अपना समर्थन अपने अनुभव के आधार पर दिया है। जिस पर हम आरोप नहीं लगाएंगे। वह कहते हैं मगर राज्य मे कांग्रेस पीड़ित है। कांग्रेस ने टीएमसी का अत्याचार झेला है। अगर यही सब उत्तरप्रदेश, बिहार या महाराष्ट्र में हो रहा होता तो इनका निर्णय अलग होता।
बंगाल,असम चुनाव को लेकर BJP ने बुलाई बैठक, उम्मीदवारों के नाम पर हुई माथापच्ची
राष्ट्रीय स्तर पर नहीं पड़ेगा फर्क चौधरी कहते हैं कि वह उन पर कोई आरोप नहीं लगाएंगे क्योंकि बीजेपी का खतरा सच है मगर वह कहते हैं हम राज्य में टीएमसी की तानाशाही और बीजेपी के सांप्रदायिकता दोनों से पीड़ित है। राज्य में हाल में हुए पंचायत चुनावों में करीब 60 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी और टीएमसी ने 20,000 से ज्यादा सीटों पर बिना किसी विरोध के जीत हांसिल की थी। अगर इस तरह की स्थिति यूपी, बिहार या महाराष्ट्र में होती तो इनकी राय अलग होती। मगर फिर भी इससे राष्ट्रीय स्तर पर गठबंधन पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
यहां पढ़े अन्य बड़ी खबरें...
टीका हैं जरुरी! कोवैक्सीन 81 फीसदी असरदार, भारत बायोटेक ने पेश किया आंकड़ा
बंगाल में CM को लेकर गडकरी ने कहा- समय आने पर नाम का खुलासा करेंगे
BJP पर उद्धव का हमला,कहा- भारत माता की जय पर हर भारतवासी का अधिकार, न करें सियासत
रेडियो शो में पीएम मोदी की मां को बोले गए अपशब्द, जानें लोगों ने क्या दी प्रतिक्रिया
फारूक को राहतः सुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश- सरकार से भिन्न राय रखना देशद्रोही नहीं
टीकाकरण लगवाने की टाइमिंग की बाध्यता समाप्त, 24 घंटे में कभी भी लगवा सकते हैं वैक्सीन
पीरजादा से गठबंधन कर घिरी कांग्रेस, की थी भारत में कोरोना से 50 करोड़ के मरने की दुआ
सेक्स सीडी कांड में फंसे कर्नाटक के मंत्री रमेश जारकीहोली ने दिया इस्तीफा, कही ये बात
बीएसएफ ने भारत-बांग्लादेश सीमा जब्त किये 11.62 किलोग्राम सोना
झारखंडः IAS पूजा सिंघल के रांची- मुजफ्फरपुर समेत 6 जगहों पर ED की...
Quad Summit: हमारा आपसी विश्वास, दृढ़ संकल्प लोकतांत्रिक शक्तियों को...
ओवैसी ने पूछा- भारत के मुसलमानों का मुगलों से रिश्ता नहीं, लेकिन उनकी...
ज्ञानवापी मस्जिद केस: किस मामले पर पहले होगी सुनवाई, आज आएगा वाराणसी...
पीएम मोदी ने तोक्यो में प्रवासी भारतीयों से कहा- भारत-जापान नैसर्गिक...
संघीय ढांचे को ध्वस्त कर रहा है केंद्र, BJP शासन हिटलर, स्टालिन से भी...
न्यायाधीशों के खिलाफ आरोप लगाना दुर्भाग्य से नया ‘फैशन’ बन गया है :...
अनिल बैजल की जगह विनय कुमार सक्सेना दिल्ली के नए उपराज्यपाल बने
दिल्ली की एकीकृत MCD में विभागाध्यक्षों, उपायुक्तों की नियुक्ति