नई दिल्ली /नेशनल ब्यूरो : हरियाणा से चार बार विधायक और दो बार सांसद रहे पूर्व कांग्रेस नेता कुलदीप बिश्नोई वीरवार को भाजपाई हो गए। उनके साथ पूर्व विधायक पत्नी रेणुका बिश्नोई भी भाजपा का दामन थाम लिया। भाजपा के केंद्रीय मुख्यालय में केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र शेखावत, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, पार्टी महासचिव अरुण सिंह, राज्यसभा सदस्य अनिल बलूनी और हरियाणा की भाजपा इकाई के प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ की मौजूदगी में बिश्नोई ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। इस मौके पर मुख्यमंत्री खट्टर ने बिश्नोई दंपती का भाजपा में स्वागत किया। साथ ही कहा कि कुलदीप बिश्नोई से वह लगातार संपर्क बनाए हुए थे और उन्होंने राज्यसभा चुनाव में भाजपा का सहयोग किया। उन्होंने दावा किया कि बिश्नोई बिना किसी शर्त के भाजपा में शामिल हुए हैं। बिश्नोई हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भजन लाल के पुत्र हैं। खट्टर ने कहा कि बिश्नोई के भाजपा में आने से पार्टी को लाभ होगा। प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़ ने कहा कि वह बिश्नोई समाज के प्रमुख नेता हैं और भाजपा को इसका लाभ हरियाणा के साथ ही राजस्थान में भी मिलेगा। भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने के बाद कुलदीप बिश्नोई ने कहा कि उनका और भाजपा का चोली-दामन का साथ रहा है। तीन साल तक उनकी हरियाणा जनहित कांग्रेस (हजकां) का भाजपा के साथ गठबंधन रहा और इस दौरान कुछ मतभेदों को लेकर यह गठबंधन टूट गया लेकिन भाजपा के साथ कभी उनका मनभेद नहीं रहा। वर्ष 2005 में राज्य में कांग्रेस की जीत के बाद भूपेंद्र सिंह हुड्डा को मुख्यमंत्री बनाए जाने पर बिश्नोई और उनके पिता भजनलाल ने 2007 में हरियाणा जनहित कांग्रेस (हजकां) बनाई थी। हजकां ने बाद में भाजपा और दो अन्य दलों के साथ गठबंधन कर लिया था और 2014 का लोकसभा चुनाव हरियाणा में साथ लड़ा था। हालांकि, विधानसभा चुनाव से पहले यह गठबंधन टूट गया था। बिश्नोई ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रभावित होकर भाजपा में शामिल हुए हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को भारत का सबसे बेहतरीन प्रधानमंत्री बताया जो देश और गरीबों की तरक्की के लिए काम कर रहे हैं। बिश्नोई ने इस मौके पर खट्टर की जमकर सराहना की और कहा कि आठ सालों से हरियाणा का मुख्यमंत्री रहने के बावजूद उनका दामन पाक साफ है और कोई आरोप नहीं है। बता दें कि कुलदीप बिश्नोई कांग्रेस पार्टी से पहले से ही नाराज चल रहे थे। इस साल की शुरुआत में उन्हें कांग्रेस की हरियाणा इकाई के प्रमुख के पद पर नियुक्त न किए जाने के बाद उन्होंने बगावती तेवर अपना लिए थे। इसके बाद जून में हुए राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोङ्क्षटग करने के कारण कांग्रेस ने बिश्नोई को पार्टी के सभी पदों से हटा दिया था। हरियाणा के हिसार जिले की आदमपुर सीट से विधायक बिश्नोई ने बुधवार को विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया।
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