नई दिल्ली/टीम डिजिटल। विश्वस्तरीय सौंदर्यीकरण के नाम पर धौला कुंआ में सड़क किनारे करीबन 30 साल से कामकाज कर रहे रेहड़ी पटरी वालों ने अब उपराज्यपाल से बचाने की गुहार लगाई है। एलजी के नाम पर उजाड़े जाने का आरोप लगाते हुए इन रेहड़ी पटरी वालों ने बताया कि उनका इस सौंदर्यीकरण से कोई लेना-देना नहीं है। कई रेहड़ी पटरी वालों ने बताया कि राजस्थान बस स्टैंड के पीछे वाली जगह पर बैठकर दाल रोटी कमा रहे हैं। जहां बैठे हैं वह न तो फुटपाथ है, न सड़क, न बस स्टैंड और न ही हम किसी तरह से गंदगी फैला रहे हैं। इसके बावजूद दिल्ली पुलिस, नगर निगम ने इन्हें बेरोजगारी तरफ धकेल दिया है। रेहड़ी पटरी वालों ने बताया कि निगम और पुलिस के अधिकारियों ने कहा कि वे सिर्फ उपराज्यपाल का आदेश मानते हैं। प्रधानमंत्री स्व निधि, योजना की लाभार्थी एक दुकानदार बताती है कि हमारा बैंक लोन चल रहा है बेरोजगार होने के बाद हम उसे कैसे चुकाएं। वहीं एक ने बताया कि दिल्ली कैंट बोर्ड सर्वे कर चुका है, रसदी है फिर भी कोई नहीं सुनता, अब उपराज्यपाल से ही उम्मीद है।
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