Friday, Mar 24, 2023
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कोरोना वैक्सीन लगने के बाद बरतनी होंगी ये सावधानियां नहीं तो हो जाएगा ये हाल

  • Updated on 1/16/2021

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने आज कोरोना वायरस (Coronavirus) के खिलाफ छिड़ी जंग में पहल करते हुए वैक्सीनेशन (Vaccination) को हरी झंड़ी दे दी है। आज से पूरे देश में कोरोना वॉरियर्स और जरूरतमंद लोगों को टीका लगाया जाएगा। जैसा कि पीएम मोदी ने भी आज टीकाकरण की शुरुआत करते हुए कहा कि वैक्सीन लगने के बाद भी सावधानी बरतनी होगी। ऐसे में आज हम आपको कुछ ऐसी सावधानियां बताने जा रहे हैं जिसे टीकाकरण के बाद बरतना अनिवार्य है। आइए जानते उन सावधानियों के बारे में...

  • हर व्यक्ति को वैक्सीन की दो डोज लेनी जरूरी है।
  • वैक्सीन लगवाने के बाद भी कोविड-19 के नियमों का पालन करना अनिवार्य है।
  • 28 दिन के बाद दूसरी डोज लेना अनिवार्य है।
  • वैक्सीनेशन के बाद भी मास्क लगाना जरूरी है।
  • कोरोना वैक्सीन लगाने वाले लोगों को नशा करना बंद करना होगा, क्योंकि ऐसे लोगों पर वैक्सीन का असर कम हो सकता है। नशे की लत जारी रहने पर शरीर में संक्रमण के खिलाफ पर्याप्त तादाद में एंटीबॉडी विकसित नहीं होती है। ऐसे में वैक्सीन लेने के बाद कुछ दिनों तक नशा छोड़ना जरूरी होगा।
  • एक दिन में एक सत्र में 100 लोगों को लगेगा टीका।
  • वैक्सीन लगने के दो सप्ताह बाद आपके शरीर में एंटीबॉडी बनेगी इसलिए शारिरिक दूरी का विशेष ध्यान रखें।
  • एक रिपोर्ट के मुताबिक दूसरी डोज लेने के बाद भी कोरोना का रिस्क बना रहेगा इसलिए कम से कम 15 दिनों तक कोरोना बचाव के नियमों का पालन करें।
  • जब तक ज्यादा से ज्यादा लोगों को टीका नहीं लग जाता तब तक एहतियात बरतना जरूरी है। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो आपको कई तरह की परेशानियों और साइड इफेक्ट का सामना करना पड़ सकता है।

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पहले चरण में 3 करोड़ लोगों का टीकाकरण
पीएम मोदी ने आज कहा, 'इतने बड़े स्तर का टीकाकरण अभियान पहले कभी नहीं चलाया गया। यह अभियान इतना बड़ा है, इसका अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि दुनिया के कई देशों की आबादी तीन करोड़ से कम है और भारत पहले ही चरण में 3 करोड़ लोगों का टीकाकरण कर रहा है।' उन्होंने कहा कि दूसरे चरण में 30 करोड़ लोगों का टीकाकरण किए जाने का लक्ष्य है, जबकि दुनिया में महज भारत और अमेरिका सहित तीन ही देश ऐसे हैं जिनकी आबादी 30 करोड़ से अधिक है। 

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अफवाहों से बचने की दी सलाह
उन्होंने कहा, 'भारत का टीकाकरण अभियान इतना बड़ा है, यह भारत के सामर्थ्य को दर्शाता है। हमारे वैज्ञानिक विशेषज्ञ जब मेड इन इंडिया वैक्सीन की सुरक्षा को लेकर आश्वस्त हुए तभी उन्होंने इसके उपयोग की अनुमति दी।' उन्होंने देशवासियों से टीकाकरण को लेकर अफवाहों से बचने की भी सलाह दी। मोदी ने कहा कि भारत के टीके विदेशों की तुलना में बहुत सस्ते हैं और इनका उपयोग भी उतना ही आसान है।

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बनाए गए कुल 3006 टीकाकरण केंद्र
उन्होंने कहा, 'विदेश में तो कुछ टीके ऐसे हैं जिसकी एक डोज की कीमत 5000 रुपये तक है और उन्हें माइनस 70 डिग्री तापमान में रखा जाता है। भारत की वैक्सीन ऐसी तकनीक पर बनाई गई है जो भारत की परिस्थितियों के अनुरूप हैं।' संबोधन के बाद प्रधानमंत्री ने टीकाकरण अभियान की वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से शुरुआत की। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री के साथ सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के 3006 केंद्र आपस में जुडें। ज्ञात हो कि पहले चरण के लिए सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में इसके लिए कुल 3006 टीकाकरण केंद्र बनाए गए हैं। पहले दिन तीन लाख से ज्यादा स्वास्थ्यर्किमयों को कोविड-19 के टीके की खुराक दी जाएगी। 

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टीकाकरण आज से
भारत में पहले दिन तीन लाख से ज्यादा स्वास्थ्यकर्मियों को कोविड-19 के टीके की खुराक दिए जाने के साथ शनिवार को दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए दिन में साढ़े दस बजे देश में पहले चरण के कोविड-19 टीकाकरण अभियान की शुरुआत की। पूरे देश में एक साथ टीकाकरण अभियान की शुरुआत होगी और सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में इसके लिए कुल 3006 टीकाकरण केंद्र बनाए गए हैं।  

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1.65 करोड़ खुराकों का आवंटन
'कोविशील्ड' और 'कोवैक्सीन' की 1.65 करोड़ खुराकों में से सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को डाटाबेस में उपलब्ध स्वास्थ्यकर्मियों की संख्या के हिसाब से टीकों का आवंटन कर दिया गया है। राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को 10 प्रतिशत खुराकों को सुरक्षित रखने और एक दिन में एक सत्र में 100 लोगों के टीकाकरण के लिए कहा गया है। 

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1075 कॉल सेंटर
कोविड-19 महामारी, टीकाकरण की शुरुआत और कोविन सॉफ्टवेयर के संबंध सवालों के जवाब के लिए एक कॉल सेंटर-1075 भी बनाया गया है। सरकार के मुताबिक, सबसे पहले एक करोड़ स्वास्थ्यकर्मियों, अग्रिम मोर्चे पर काम करने वाले करीब दो करोड़ कर्मियों और फिर 50 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को टीके की खुराक दी जाएगी। बाद के चरण में गंभीर रूप से बीमार 50 साल से कम उम्र के लोगों का टीकाकरण होगा। स्वास्थ्यकर्मियों और अग्रिम र्किमयों पर टीकाकरण का खर्च सरकार वहन करेगी। सारे राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने टीकाकरण के लिए तैयारियां पूरी कर ली है। 

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