Monday, May 29, 2023
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tourism business suffering badly from corona virus loss for more then 30 thousands cr

घुमक्कड़ सैलानियों से वीरान हुए टूरिस्ट स्पॉट, पर्यटन उद्योग को 30 हजार करोड़ तक की चपत

  • Updated on 3/14/2020

नई दिल्ली टीम डिजिटल। 'गुलों में रंग भरे बादे गुलबहार चले, चले भी आओ कि गुलशन का कारोबार चले' कमोबेश इसी अंदाज़ में भारतीय पर्यटन का कारोबार विदेशी घुमक्कड़ सैलानियों की बाट जोह रहा है। मगर खुद भारत सरकार ने ही कोरोना को देखते हुए सुरक्षा कारणों से 15 अप्रैल तक विदेशियों के वीजा पर प्रतिबंध लगा रखा है। कोविड 19 दुनिया भर में 4,967 लोगों की जान ले चुका है और 134,113 इससे बीमार हो चुके हैं। मौत का आंकड़ा लगातार भयानक होता जा रहा है। खतरा बढ़ता जा रहा है। भारत के विदेशी पर्यटन पर इसका असर भी कम डरावना नहीं है। दरअसल साल के इन्हीं दिनों में सबसे ज्यादा घुमक्कड़ सैलानी देश में सबसे ज्यादा सैर सपाटा करने के लिए पहुंचते हैं। मगर चीन में जगे करोना ड्रैगन की आग ने दुनिया भर के टूरिज्म कारोबार को चौपट कर दिया है। भारत का कारोबार भी इससे अछूता नहीं है।

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तीस प्रतिशत सस्ती होने के बाद भी मुसाफिरों के लिए तरसती फ्लाइट
कुछ महीनों पहले तक विदेशी पर्यटकों को देखते ही पलक पांवड़े बिछाने वाले देसी होटल अब विदेशी पर्यटकों से नजरें फेर रहे हैं। कोरोना का खौफ टूरिज्म इंडस्ट्री को पूरी तरह अपनी चपेट में लेता जा रहा है। भारत ही नहीं दुनिया भर के एयरपोर्ट खाली होते जा रहे हैं। उड़ानों की कीमत तीस प्रतिशत तक सस्ती कर दी गई हैं, मगर फिर भी लोग कहीं भी जाने के लिए फ्लाइट लेने से बच रहे हैं। दीगर बात है कि देश भर में लोकल ट्रेन और पब्लिक कन्वेंस के बाकी साधनों पर आने-जाने वालों का इतना ज्यादा असर नहीं पड़ा है।

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ट्रेनों में लदकर चलने वाले मुसाफिरों पर पूरी तरह बेअसर कोरोना
तीन दिनों पहले होली पर सभी ट्रेनों ओर बसों में खचाखच भर कर पहुंची भीड़ कोरोना से पूरी तरह बेखौफ नजर आई। मगर उड़ान भरने वालों पर कोरोना का खौफ बुरी तरह तारी है। अलबत्ता दुनिया भर वाहनों का इस्तेमाल कम होने का असर पैट्रोल की घटती कीमतों पर भी पड़ता जा रहा है। मगर सस्ते होते हुए पैट्रोल से भी देश को राहत नहीं मिल रही है। या कहा जा सकता है कि पैट्रोल के घटते दामों की काफी भारी कीमत चुकाई जा रही है।

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15 अप्रैल तक लगा हुआ है वीजा पर बैन, तोड़ रहा है पर्यटन उद्योग की कमर
फिलहाल दुनिया भर के घुमक्कड़ सैलानियों के वीजा पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। 15 अप्रैल तक ये प्रतिबंध जारी रहेगा।  डिप्लोमैटिक और एम्प्लॉयमेंट वीजा को इस दायरे से बाहर रखा गया है। हालांकि देश को कोरोना के संक्रमण से बचाने के लिए भारत सरकार ने ये कदम उठाया था। भारत ही नहीं ज्यादातर देशों में विदेशी घुमक्कड़ों को आने से रोका जा रहा है। मगर ज़ाहिरा तौर पर इसका असर देश की कमजोर होती जा रही अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा है। डॉलर में खर्चने वाले पर्यटकों की आमद पर रोक लगने से आने वाले महीनों में पर्यटन उद्योग की कमर टूटने के आसार दिखाई दे रहे हैं। गौतलब है कि देश में साल भर में एक करोड़ से ज्यादा यायावर आते हैं। साल भर के इस आंकड़े का बीस प्रतिशत हिस्सा सिर्फ मार्च और अप्रैल के दिनों में ही दिखाई देता है। मगर ठीक इन्हीं दिनों में वीजा प्रतिबंध के कारण भारत सरकार को 33-34 हजार करोड़ रुपए के नुकसान का आकलन है। मगर चाह कर भी भारत सरकार इस नुकसान की भरपाई नहीं कर सकती है।

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दस सालों में मुसाफिरों की संख्या पर असर
आंकड़ों पर नजर डालें तो पिछले 1.08 करोड़ घुमक्कड़ मुसाफिर हिंदुस्तान में घूमने-फिरने के लिए आए थे। सिर्फ मार्च और अप्रैल में ही पर्यटन उद्योग को 33186 करोड़ की कमाई हुई थी। मगर इस साल जारी वीजा प्रतिबंध का करारा असर इस पर देखने को मिल सकता है। पिछले सालों की तुलना में इस साल पर्यटकों की संख्या की वृद्धी दर सिर्फ 1.3 प्रतिशत है जो पिछले दस सालों में सबसे कम है।

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हर साल सरकार दो लाख करोड़ कमाती है पर्यटन उद्योग से
15 अप्रैल तक टूरिज्म सेक्टर से सरकार को हर साल करीब 2 लाख करोड़ रुपए की कमाई होती है। 2019 में सरकार को विदेशी पर्यटकों से 2.10 लाख करोड़ रुपए की कमाई हुई थी। इसमें से 16% यानी 33 हजार 186 करोड़ रुपए की कमाई अकेले मार्च-अप्रैल में हुई थी। पिछले 5 साल के आंकड़े भी यही कहते हैं कि सरकार को विदेशी पर्यटकों से सालभर में जितनी कमाई होती है, उसमें से 15 से 20% की कमाई अकेले मार्च-अप्रैल में ही हो जाती है। बाजार की मानें तो मार्च-अप्रैल में पर्यटकों के नहीं आने से सरकार को 33 हजार से 34 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हो सकता है। बड़ी बात ये है कि सरकार की ये कमाई रुपए में नहीं बल्कि विदेशी मुद्रा में होती है।

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