Saturday, Sep 23, 2023
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किसानों ने केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान का किया विरोध, गांव आए तो लगाए मुर्दाबाद के नारे

  • Updated on 2/22/2021

नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। उत्तरप्रदेश (Uttarpradesh) के शामली से बीजेपी के लिए बुरी खबर आ रही है। यहां किसानों के बढ़ते आंदोलन को देखते हुए कृषि कानून के फायदे समझाने गए बीजेपी नेता संजीव बालियान (Sanjeev Balyan) को भारी विरोध का सामना करना पड़ा है। शामली के भैंसवाल गांव में गए संजीव बालियान को लोगों ने मुर्दाबाद के नारे लगाकर वहां से भगाया है। लोगों का विरोध चरम पर था इसलिए बीजेपी नेता वहां से चले आए।     

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लोगों ने ट्रैक्टर लगाकर किया विरोध 
बता दें शामली पहुंचे संजीव बालियान को किसानों ने ट्रैक्टर लगाकर गांव में घुसने से रोकने की कोशिश की। गुस्साए बालियान बोले की 10 लोगों के विरोध करने से  और मुर्दाबाज के नारे लगाने से में मुर्दाबाद नहीं हो जाऊंगा। वह काफी विरोध के बाद जब गांव में नहीं घुस पाए तो वापस लौट गए। बता दें जिन किसानों नेताओं से संजीव बालियान मलने गए थे। उन्होंने संजीव बालियान से कहा कि हमारा समर्थन किसानों को है। इसलिए आपको जो भी बात करनी है वह संयुक्त किसान मोर्चा से करें। बता दें संजीव बालियान के साथ बीजेपी विधायक उमेश मलिक और  भूपेंद्र सिंह भी गए थे। 

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खाप नेता बोले किसान मोर्चा से करें बात
बता दें जिन गांव में संजीव बालियान खाप नेताओं से मिलने गए थे। वहां लोगों ने बीजेपी के नेताओं का विरोध करते हुए वह जयंत चौधरी जिंदाबाद और किसान एकता जिंदाबाद के नारे लगा रहे थे। यह लोग संजीव बालियान का विरोध कर रहे थे। बता दें संजीव बालियान आलाकमान के आदेश के बाद अपने क्षेत्र में मौजूद किसानों को कृषि कानून के फायदे बताने गए थे। कुछ दिनों पहले आलाकमान ने किसान आंदोलन के बढ़ते विरोध को देखते हुए पश्चिमी उत्तरप्रदेश में अपने नेताओं को किसानों को जाकर समझाने की बात कही थी।   

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3 महीने से चल रहा है विरोध प्रदर्शन
इस घटना के बाद किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सवित मलिक ने बीजेपी को चेतावनी देते हुए कहा है कि अब बीजेपी का गांव-गांव में विरोध होना शुरु हो गया है। वह कहते हैं कि पार्टी को जितना जल्दी हो सके। किसान बिलों पर बैठक बुलाकर उन्हें वापस ले लेना चाहिए। नहीं तो हर गांव में ऐसे ही बीजेपी का विरोध होता रहेगा। वह कहते हैं कि बीजेपी को जल्द  से जल्द किसानों के समर्थन में निर्णय लेने का काम करना चाहिए। बता दें दिल्ली की सीमा के चारों ओर पिछले 3 महीने से किसान आंदोलनों को लेकर विरोध चल रहा है। यह विरोध अब धीरे-धीरे देश के अलग-अलग हिस्सों में भी पहुंच रहा है। 

 

 

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