Saturday, Dec 02, 2023
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हम सब हिन्दू पूर्वजों के वंशज: मोहन भागवत

  • Updated on 11/14/2016

Navodayatimesनई दिल्ली, (बलराम): राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि हम सब हिन्दू पूर्वजों के वंशज हैं और हिन्दुत्व से उनका अभिप्राय किसी पूजा-पद्धति से नहीं, बल्कि हिन्दू संस्कृति से है। हम सबके लिए देश की एकता, अखंडता और सम्प्रभुता सर्वोपरि होनी चाहिए। 

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उन्होंने कहा कि हिन्दुत्व का भाव ही देश को भावनात्मक अखंडता प्रदान कर सकता है इसलिए संघ का विचार है कि इसे लुप्त नहीं होने देना है, बल्कि पुनर्जागृत करना है। संघ प्रमुख रविवार को जम्मू के ऐतिहासिक परेड ग्राऊंड में संघ की जम्मू-कश्मीर शाखा द्वारा आयोजित कार्यक्रम ‘शंखनाद’ को संबोधित कर रहे थे।

मोहन भागवत ने कहा कि हमारा देश कोई जमीन का टुकड़ा नहीं है, बल्कि हमारी मातृभूमि है, जिसने हमें संपूर्ण सृष्टि की विविधता को एकता के सूत्र में बांधने का स्वभाव दिया है। भारत ने कभी किसी पर हमला नहीं किया, किसी का धर्मांतरण नहीं करवाया, किसी पर अत्याचार नहीं किया, यही कारण है कि पूरी दुनिया हम भारतीयों का सम्मान करती है।

इसी भारतीय संस्कृति को दुनिया हिन्दू संस्कृति कहती है। इसीलिए भारत को हिन्दुओं का देश कहा जाता है, फिर चाहे हमारी पूजा-पद्धति अलग-अलग ही क्यों न हो। संघ प्रमुख ने कहा कि स्वार्थी और सीमा पार के उकसावे में आकर देश की व्यवस्था को खराब करने वालों पर कानून के अनुसार कड़ी कार्रवाई करना शासन-प्रशासन का कर्त्तव्य है।

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हमें एक राष्ट्र की प्रजा होने के नाते भावनात्मक एकता के सूत्र में बंधना चाहिए। भागवत ने कहा कि हमारे देश में स्वार्थ का तंत्र नहीं चलेगा और इसके लिए किसी शासन व्यवस्था के भरोसे रहने की जरूरत नहीं है, बल्कि समाज को जागृत करना होगा। 

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