Monday, Dec 04, 2023
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yes, india is a hindu nation: dr. subrahmanyam swamy

भारतीयता बोध के भाव को बनाए रखने के लिए हिन्दुत्व आवश्यक: डॉ. सुब्रह्मण्यम स्वामी

  • Updated on 9/26/2023

नई दिल्ली/टीम डिजिटल । भारतीयता बोध के भाव को बनाए रखने के लिए हिन्दुत्त्व आवश्यक है। अनुच्छेद 25, 44, 48, 343, 351 आदि के संदर्भ में यह स्पष्ट है कि हमारा संविधान हिंदू राष्ट्र की रूपरेखा को बल देता है। वर्तमान समय में प्रत्येक भारतीय निवासी का डीएनए एक ही है चाहे वो किसी भी धर्म का हो। इसलिए नस्ल के आधार पर सभी भारतीय हिंदू ही हैं। हां भारत एक हिन्दू राष्ट्र ही है।

यह बाते अरुंधति वशिष्ठ अनुसंधान पीठ’ के अध्यक्ष एवं पूर्व विधि एवं न्याय मंत्री; भारत सरकार डॉ. सुब्रह्मण्यम स्वामी ने सोमवार को हंसराज कॉलेज में कहीं। वह यहां छात्रों को ‘अरुंधति वशिष्ठ अनुसंधान पीठ द्वारां पंडित दीन दया उपाध्याय की 107वीं एवं विश्व हिन्दू परिषद के पूर्व प्रमुख अशोक सिंघल की 97वीं जयंती के उपलक्ष्य में क्या संविधान की सीमा में भारत एक हिन्दू राष्ट्र है विषय एक वैचारिक गोष्ठी को बतौर मुख्यअतिथि सम्बोधित कर रहे थे। 

हमें अपने संवधिान को हिन्दू संविधान ही मानना चाहिए :स्वामी 
स्वामी ने गोष्ठी के विषय को ऐतिहास और पौराणिक संदर्भों से भी जोड़ा। अनुच्छेद 48 में गौरक्षा के संदर्भ को उन्होंने हिंदू राष्ट्र की अवधारणा से प्रेरित बताया। हिंदुस्तान की एकता क्या है के संदर्भ में अंबेडकर के विचारों को हर भारतीय के लिए पठनीय बताया। अंतत: उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि ‘हमें अपने संविधान को हिन्दू संविधान ही मानना चाहिए और अलग से किसी हिंदू संविधान की आवश्यकता नहीं है।

भारत की राष्ट्रीय चेतना ही हिन्दू है  : डॉ.चन्द्र प्रकाश 
अरुंधति वशिष्ठ अनुसंधान पीठ के निदेशक डॉ.चन्द्र प्रकाश सिंह ने विषय का प्रवर्तन करते हुए  भारत के अतीत, वर्तमान और भविष्य के संदर्भ में कार्यक्रम की विधिवत भूमिका पर चर्चा की पाश्चात्य नेशन और भारतीय राष्ट्र इन दोनों शब्दों के अंतर को स्पष्ट करते हुए कहा  कि राष्ट्र एक दैवीय प्रादुर्भाव है भारत की राष्ट्रीय चेतना ही हिन्दू है। इसलिए भारत हिन्दू राष्ट्र है।

कार्यक्रम कि अध्यक्षता करते हुए राजकुमार भाटिया ने कहा कि हिन्दुत्त्व भारत की पहचान है। नई पीढ़ी में विराट हिन्दुत्त्व के समुचित भावबोध को जगाकर भारतीयता का बोध संचारित कर सकते हैं जो दीर्घकालिक होगा। कार्यक्रम का संचालन प्रो.राकेश पांडेय ने किया।

अंत में में अरुधती वशिष्ठ अनुसन्धान दिल्ली संयोजक डॉ. संजय कुमार ने अतिथियों का विशेष धन्यवाद करते हुए इसके औपचारिक समाप्ति की घोषणा की। कार्यक्रम का अंत राष्ट्रगान के साथ हुआ। कार्यक्रम में एनसीवेब की निदेशक डॉ.गीता भट्ट, डॉ. राजीव अग्रवाल, वीएचपी प्रवक्ता प्रवेश कुमार, रघुवंश सिंघल, मनोज खन्ना सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहें। 

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