नई दिल्ली/टीम डिजिटल। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि आजादी की अमृत कहानियां लघु फिल्म दूसरों को प्रेरित करने वाली अनूठी पहल है। मंगलवार को उन्होंने नेटफ्लिक्स और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के तत्वावधान में देश की सात अलग-अलग महिलाओं पर आधारित लघु फिल्म आजादी की कहानियां के लांचिंग पर यह बात कही।
नेटफ्लिक्स व सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने परिवर्तनकारी महिलाओं पर लघु फिल्म लांच की
मंत्री ने कहा कि मंत्रालय देश भर में पोस्ट-प्रोडक्शन, वीएफएक्स, एनीमेशन, संगीत कार्यक्रमों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर एक रचनात्मक पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने के लिए भी नेटफ्लिक्स के साथ मिलकर काम करेगा। उन्होंने कहा कि जल्द ही अन्य क्षेत्रीय भाषाओं गुजराती, तमिल, मराठी आदि में भी इनका प्रसारण होगा। ठाकुर ने कहा कि स्वतंत्रता के 75वें वर्ष के उपलक्ष्य में सूचना और प्रसारण मंत्रालय तथा नेटफ्लिक्स ने एक ही सीजन में दो बार माउंट एवरेस्ट फतह करने वाली पर्वतारोही से लेकर भारत की पहली महिला दमकलकर्मी तक देश की सात प्रेरक महिलाओं पर यह लघु फिल्म एक प्रयास है।
उन्होंने कहा कि इसके जरिये नेटफ्लिक्स के साथ मंत्रालय के सहयोग की शुरुआत भी हुई है और महिला सशक्तीकरण, पर्यावरण और सतत विकास जैसे विविध विषयों पर आजादी की अमृत कहानियां लघु फिल्मों की एक श्रृंखला का निर्माण किया जाएगा। ठाकुर ने कहा कि नेटफ्लिक्स, सूचना प्रसारण मंत्रालय के लिए दो मिनट की 25 से 30 लघु फिल्मों का निर्माण करेगा। जिसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर साझा किया जाएगा और दूरदर्शन नेटवर्क पर भी प्रसारित किया जाएगा।
प्रेस वार्ता में केंद्रीय मंत्री के साथ नेटफ्लिक्स की वैश्विक टीवी प्रमुख बेला बजारिया भी मौजूद थीं। ठाकुर ने बजरिया से भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर लघु फिल्मों की संख्या 25-30 से बढ़ाकर 75 करने का भी आग्रह किया। बजरिया ने कहा कि भारत के लिए नेटफ्लिक्स की प्रतिबद्धता है और इसमें वृद्धि हो रही है। उन्होंने कहा कि हम देश की बेहतरीन कहानियों को खोजना एवं उन्हें दुनियाभर में साझा करना आगे भी जारी रखेंगे।
लघु फिल्म में है इन महिलाओं की कहानी
लघु फिल्म सात परिवर्तनकारी महिलाओं और उनके कार्य को लेकर है। इनमें माउंट एवरेस्ट को एक ही सीजन में दो बार फतह करने वाली दुनिया की पहली महिला अंशु जमसेनपा और भारत की पहली महिला दमकलकर्मी हॢषनी कान्हेकर व उत्तराखंड में कोसी नदी के पुनरुद्धार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली पुरस्कार विजेता पर्यावरणविद् बसंती देवी, स्वास्थ्य कार्यकर्ता पूनम नौटियाल भी शामिल हैं। जिन्होंने उत्तराखंड के बागेश्वर जिले में कई मील पैदल चलकर सभी को टीका लगाया। इसके अलावा भारत में मिसाइल परियोजना का नेतृत्व करने वाली पहली महिला वैज्ञानिक टेसी थॉमस, भारत की पहली प्रतिस्पर्धी महिला स्टैंड-अप पैडलबोर्डर तन्वी जगदीश तथा एक हल्के विमान के जरिए अटलांटिक महासागर और प्रशांत महासागर को अकेले पार करने वाली दुनिया की सबसे कम उम्र की एवं पहली महिला पायलट आरोही पंडित की कहानी भी इन परिवर्तनकारी महिलाओं में शामिल हैं।
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