नई दिल्ली/टीम डिजिटल। आने वाले दिनों में राजधानी में पर्यटन के साथ-साथ वातावरण को बेहतर बनाने और शोध के लिए बैंबू थीम पार्क-बांसेरा खास साबित होगा। इसी उद्देश्य से यमुना में करीब 10 हेक्टेयर क्षेत्र में सराय काले खां क्षेत्र में एलजी विनय कुमार सक्सेना ने दिल्ली के पहले बैंबू थीम पार्क की नींव एलजी ने शहर के पहले बहुउद्देशीय बैंबू थीम पार्क बांसेरा की नींव रखी। लगभग ढाई हेक्टेयर में विशेष तौर पर एक जलाश्य को विकसित किया गया, यह जलाश्य बांसेरा परियोजना का हिस्सा होगा।
सराय काले खां क्षेत्र में दिल्ली के पहले बैंबू थीम पार्क की नींव
एलजी ने कहा कि बाढ़ के मैदान के 10 हेक्टेयर क्षेत्र को जैविक और अजैविक सामग्री के रूप में बांस का उपयोग करके थीम आधारित बहुउद्देशीय क्षेत्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। इस साल जून में साइट की पहचान करते हुए, उपरा'यपाल महोदय ने वहां 2.5 हेक्टेयर के अवसाद क्षेत्र को एक जलाशय के रूप में विकसित करने का निदेज़्श दिया था। इसके लिए काम पूरा कर लिया गया है और यह जलाशय बांसेरा का हिस्सा होगा।
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उन्होंने कहा कि इस शहर की अपनी तरह की प्रथम पहल का नाम 'बांसेरा रखा गया है, जो हिंदी शब्द 'बसेरा से लिया गया है जिसका अर्थ है 'निवास। एलजी ने कहा कि यमुना के बाढ़ के मैदानों की पारिस्थितिक विशिष्टता को बढ़ाने और इसे एक मनोरंजनात्मक और सांस्कृतिक स्थल के रूप में और अधिक आकर्षक बनाकर लोगों के लिए 'यादा अनुकूल बनाने के लिए काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बड़े पैमाने पर बैंबू-बांस के रोपण से राजधानी की वायु प्रदूषण की समस्या को कम करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि बांस लगभग 30 फीसदी अधिक ऑक्सीजन का उत्पादन करता है।
गंभीर ने कहा दिल्ली सिर्फ कंक्रीट का जंगल नहीं रहेगी
उन्होंने कहा कि बांस विभिन्न आर्थिक गतिविधियों जैसे फर्नीचर बनाने, अगरबत्ती आदि के लिए एक स्रोत के रूप में, दिल्ली में रोजगार के अवसर पैदा करने और आय बढ़ाने में मदद करेगा। सांसद गौतम गंभीर ने इस अवसर पर कहा कि आने वाले दिनों में दिल्ली कंक्रीट का शहर के रूप में नहीं पहचानी जाएगी। बल्कि पर्यावरण को बेहतर बनाने में बैंबू थीम पार्क खास साबित होगा।
यह विशेषता होगी
बांस के परदों की तरह दिखने वाली बाड़ के साथ-साथ पार्क के क्षेत्र में सार्वजनिक उपयोग के लिए क्योस्क, घूमने वालों के लिए हट, वॉचटावर और आयोजन स्थल व ग्रीन वे खास होंगे। साथ ही पार्क में बैठने के लिए बांस से बनी हुई विशेष सीटों का उपयोग किया जाएगा। बांस के पेड़ों के नीचे बैठकर गपशप के लिए बैंबू कैफे भी प्रस्तावित है। यहां असम से लाए गए 25,000 से अधिक विशेष किस्म के बांस के पौधे लगाए जाएंगे।
इस तरह से पूरी होगी परियोजना
पूरे क्षेत्र को दो भागों में वर्गीकृत किया गया है: मुख्य रूप से ग्रीनवे जोन में बांस मनोरंजन क्षेत्र और नदी के जल में होने वाले अन्य प्रकार के वृक्षारोपण के साथ बांस वृक्षारोपण क्षेत्र। बांस पौधरोपण क्षेत्र में बांस की विभिन्न किस्में ग्रोव्स और सेटम के रूप में होंगी । -ग्रीनवे जोन में बांस के मनोरंजनात्मक क्षेत्र में एक आगमन जोन होगा- शहर के भीड़-भाड़ से दूर पेड़ों के बीच से होते हुए नदी किनारे तक की एक यादगार यात्रा का अनुभव कराएगा और रुचिकर स्थल तक ले जाएगा।
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