Sunday, Mar 26, 2023
-->
end-of-election-campaign-one-day-left-for-political-strategies

हुल्लड़ खत्म, वोटिंग में एक दिन बाकी, किस करवट बैठेगा ‘सियासी ऊंट’ किसे बनाएगा वजीर..

  • Updated on 2/7/2020

नई दिल्ली/ (सुनील पाण्डेय)। दिल्ली विधानसभा (delhi assembly) की 70 सीटों के लिए आठ फरवरी को होने वाले मतदान के लिए एक पखवाड़े से अधिक समय से जोर-शोर से चल रहा चुनाव प्रचार (election campaign) बृहस्पतिवार की शाम छह बजे खत्म हो गया।

दिल्ली से बाहर के सियासी नेताओं ने छोड़ी राजधानी
70 सीटों वाली विधानसभा के लिए दिल्ली के वोटर 8 फरवरी को करीब 2700 मतदान केंद्रों पर अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे। वोटिंग शनिवार को सुबह 8 बजे से शुरू होगी और शाम 6 बजे तक चलेगी। नतीजे 11 फरवरी को आएंगे। चुनाव प्रचार खत्म होने के साथ ही दिल्ली के बाहर के सियासी नेताओं ने राजधानी छोड़ दी।

Delhi election 2020: अगर पोलिंग बूथ खोजते-खोजते हो गए हैं परेशान तो घर बैठे ऐसे पाए समाधान

चुनाव पलटने का आखिरी मौका, जुम्मा
मतदान से एक दिन पहले शुक्रवार का दिन बहुत महत्वपूर्ण है, जिसमें सभी दल गोपनीय तरीके से अपनी सियासी रणनीति तय करेंगे। आखिरी दिन चुनाव पलटने के लिए भी अहम माना जाता है। आखिरी समय में भाजपा, आम आदमी पार्टी एवं कांग्रेस सहित सभी दलों ने प्रचार अभियान में पूरी ताकत झोंक दी।

दिल्ली चुनाव: 8 फरवरी को सुबह चार बजे से चलेगी मेट्रो-बसें, दिव्यांग-बुजुर्गों के लिए विशेष सेवा

प्रचार का आखिरी दिन, सियासतदानों ने झोंकी पूरी ताकत
चुनाव प्रचार के आखिरी दिन गुरुवार को सभी प्रमुख दलों ने अपनी ताकत झोंकी। सत्ताधारी आम आदमी पार्टी के स्टार प्रचारकों ने रोड शो निकाला। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने पटपड़गंज में रोड शो किया। सीएम केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि उन्हें पूरा भरोसा है कि 8 फरवरी को लोग काम पर ही वोट देंगे। चुनाव प्रचार के आखिरी दिन भाजपा की तरफ  से  केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मादीपुर में रोड शो किया, वहीं प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने सीलमपुर विधानसभा क्षेत्र में रोड शो किया।

राहुल गांधी का PM मोदी और केजरीवाल पर हमला, अमित शाह के भाषणों को बताया कूड़ा

आक्रामक प्रचार का आखिरी दिन, सियासी सितारों में खींचातानी
दिल्ली चुनाव प्रचार में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत भाजपा शासित राज्यों के तमाम मुख्यमंत्रियों, पूर्व मुख्यमंत्रियों और केंद्रीय मंत्रियों ने भी मोर्चा संभाला। कांग्रेस की तरफ से पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और कई दूसरे नेताओं ने चुनाव प्रचार की बागडोर संभाली। कांग्रेस अपने चुनाव प्रचार में बीजेपी और आम आदमी पार्टी दोनों पर आक्रामक रही। वहीं, बीजेपी के निशाने पर आम आदमी पार्टी रही। दूसरी तरफ, आम आदमी पार्टी के निशाने पर बीजेपी ही ज्यादा रही। दिल्ली में मुख्य मुकाबला सत्ताधारी आम आदमी पार्टी, बीजेपी और कांग्रेस के बीच है।

चुनाव आयोग ने कसी कमर, दिल्ली में हो सकते हैं रिकॉर्ड तोड़ मतदान

भाजपा और आप के बीच रहा है शह और मात का खेल
पिछली बार यानी 2015 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 54 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 70 में से 67 सीटों पर जीत हासिल की थी जबकि बीजेपी को सिर्फ 3 सीटें मिली थीं। कांग्रेस खाता भी नहीं खोल पाई थी। हालांकि, 2019 लोकसभा के आम चुनाव में बीजेपी ने 56 प्रतिशत वोटशेयर के साथ दिल्ली की सभी 7 सीटों पर कब्जा जमाया। 

किस करवट बैठेगा सियासी ऊंट, कौन बनेगा वजीर, बादशाह और प्यादा 
इस बार के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी जहां अपनी सरकार को बचाने के लिए सीएम अरविंद केजरीवाल की अगुवाई में जुटी रही। वहीं 21 वर्ष से दिल्ली की सत्ता से दूर भारतीय जनता पार्टी ने भी पूरी ताकत झोंक दी। 15 वर्ष तक दिल्ली पर एक छत्र राज्य करने वाली कांग्रेस ने भी अपनी खोई हुई जमीन को फिर से हासिल करने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है।

Hindi News से जुड़े अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, ट्विटर पर फॉलो करें।हर पल अपडेट रहने के लिए NT APP डाउनलोड करें। ANDROID लिंक और iOS लिंक।
comments

.
.
.
.
.