नई दिल्ली / टीम डिजिटल। संवर्धन संगठन के तत्वावधान में आयोजित दीपोत्सव में लाल बहादुर शास्त्री संस्कृत राष्ट्रीय विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर रमेश कुमार पांडेय ने संस्कृत और भारतीय संस्कृति पर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि संस्कृत और भारतीय संस्कृति इस देश की आत्मा है। उन्होंने कहा कि भारतीय कला और संस्कृति हमेशा से ही न केवल देश में बल्कि विदेशों में रहने वालों में भी जिज्ञासा का विषय है।
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सुप्रसिद्ध बांसुरी वादक पंडित चेतन जोशी ने विभिन्न उदाहरणों के माध्यम से शास्त्रीय संगीत एवं भारतीय जीवन पद्धति पर प्रकाश डाला और अपने बांसुरी वादन से श्रोताओं को मंत्र मुक्त किया। कार्यक्रम में प्रसिद्ध कथक नृत्यांगना पद्मश्री नलिनी ने भारतीय शास्त्रीय संगीत, कला एवं गुरू शिष्य परंपरा पर विस्तृत व्याख्यान दिया। उनके द्वारा कथक के विभिन्न रूप एवं आयामों की चर्चा की गई।
कत्थक की भावपूर्ण प्रस्तुति दी गई
पद्मश्री नलिनी एवं कमलिनी की शिष्याओं द्वारा कत्थक की भावपूर्ण प्रस्तुति दी गई। 6 वर्षीय बालिका प्रतिष्ठा के द्वारा कथक की कठिन प्रस्तुति ने सभागार में मौजूद दर्शकों को हैरत में डाल दिया। इस अवसर पर सीसीआरटी के उप निदेशक दिवाकर दास, संगठन के महासचिव डॉ वेदव्रत तिवारी आदि शामिल रहे।
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