नई दिल्ली। टीम डिजिटल। कश्मीरी गेट स्थित इंदिरा गांधी दिल्ली टेक्निकल यूनिवर्सिटी फाॅर वुमेन (आईजीडीटीयूडब्ल्यू) में बिना पूर्व सूचना के यहां कार्यरत 42 सफाईकर्मियों को अचानक नौकरी से निकाल दिया गया। जिसके चलते नाराज कर्मचारी पूरे दिन विरोध स्वरूप वीसी आफिस के सामने बैठे रहे। उनका कहना था कि जब तक वीसी हमसे नहीं मिलेेंगे तब तक हम नहीं जाएंगे। वहीं वाइस चांसलर व श्रमआयुक्त को सफाई कामगार यूनियन (एसकेयू) ने ज्ञापन भी दिया है। अंग्रेजों ने भी बनाई थी नगर प्राचीर, नाम दिया ‘माॅर्टेलो टाॅवर’
श्रमकानूनों का हो रहा है उल्लंधन दरअसल 14 सितंबर को विश्वविद्यालय के शीर्ष अधिकारियों की ओर से सफाई कर्मचारियों को सूचना दी गई कि मौजूदा एसीएमई कंपनी का टेंडर खत्म होने के कारण 15 सितंबर से सभी सफाई कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया जाएगा। साथ ही कर्मचारियों की विश्वविद्यालय में इंट्री बंद होने की बाद भी कही गई। जिसका कर्मचारियों ने विरोध किया। एसकेयू से हरीश गौतम ने बताया कि मौजूदा श्रम कानून के प्रावधानों के तहत नौकरी खत्म होने की स्थिति में कर्मचारियों को इसकी सूचना कम से कम एक माह पूर्व दी जानी चाहिए जोकि विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा नहीं दी गई। बिना पूर्व सूचना के नौकरी से निकाले जाने का विरोध कर्मचारी कर रहे हैं क्योंकि उनके समक्ष जीवनयापन व रोजगार की चिंता आ खडी हुई है। कई सफाईकर्मी विश्वविद्यालय में 15-16 साल से अपनी सेवाएं दे रहे हैं और कंपनी का टेंडर लागू होने से पूर्व भी यहां कार्यरत थे। हमारी मांग है कि टेंडर बदलने की स्थिति में भी सभी कर्मचारियों की पुनः नियुक्ति सुनिश्चित की जाए, वरना हम व्यापक आंदोलन करेंगे।
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