Thursday, Mar 30, 2023
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Sanskrit language can again become the basis of India''s golden future: Lekhi

संस्कृत भाषा भारत के सुनहरे भविष्य का फिर से आधार बन सकती है:लेखी

  • Updated on 3/5/2022

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। संस्कृत भारती दिल्ली प्रांत के सम्मेलन में  केंद्रीय संस्कृति एवं विदेश राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा कि संस्कृतभाषा में वर्णित विधिशास्त्र न केवल भारतीय अपितु वैश्विक न्यायिक व्यवस्था के उन्नयन का आधार हो सकता है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार संस्कृत भाषा भारत के सुनहरे भविष्य का आधार फिर से बन सकती है। सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी इस दौरान लोगों ने खूब सराहा। 

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लेखी ने कहा कि संस्कृतभाषा विश्व की प्राचीनतम भाषाओं में प्रमुख भाषा है। उन्होंने संस्कृत भारती संगठन के कार्य की सराहना करते हुए कहा कि इस देववाणी को पुर्नजीवित करने के लिए संस्कृत भारती का प्रयास प्रशंसनीय है। 
संस्कृत भारती के अखिल भारतीय संगठन मंत्री दिनेश कामत और प्रांत अध्यक्ष रमेश कुमार ने कहा कि किस प्रकार हम संस्कृत प्रेमी जनमानस में इस भाषा को प्रचारित करें, यह हमारा दायित्व है। उन्होंने कहा कि संस्कृतभाषा वर्तमान काल में दुर्भाग्य से यह निरंतर उपेक्षित होती रही है।

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उन्होंने कहा कि संस्कृत भाषा को पुन: जनभाषा बनाने के लिए तथा भारतीय संस्कृति को जन-जन में प्रसारित करने के लिए संस्कृत भारती प्रयत्नशील है। संस्कृतभाषा को अधिक से अधिक लोग समझ एवं पढ़ सके इसके लिए संस्कृत भारती द्वारा संस्कृत सम्भाषण सत्रों का आयोजन किया जाता है। इन सत्रों में प्रशिक्षण पाकर पाठक दस दिनों में ही संस्कृत भाषा को बोलने एवं समझने में समथज़् हो जाते हैं। दूरस्थ विद्याथिज़्यों के लिए संस्कृतभारती द्वारा पत्राचार आदि माध्यमों से संस्कृत सीखने की योजना आरम्भ की गई है। कार्यक्रम में आईएमएस दिल्ली के निदेशक संजय द्विवेदी, अखिल भारतीय सह संगठन मंत्री जयप्रकाश,  प्रांत के कोषाध्यक्ष प्रेमप्रकाश कौशिक व अपूर्व शर्मा आदि शामिल रहे। 

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