Thursday, Jun 01, 2023
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Allahabad Highcourt live in relationship high court sobhnt

लिव-इन-रिलेशनशिप पर इलाहबाद हाइकोर्ट का बड़ा बयान, कही यह बात

  • Updated on 1/20/2021

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। इलाहबाद हाइकोर्ट (Allahabad Highcourt) ने लव इन रिलेशनशिप को लेकर महत्वपूर्ण फैसला दिया है। कोर्ट ने एक शादी शुदा पुरुष का किसी अन्य महिला के साथ रहने को लिव इन रिलेशनशिप नहीं माना है। कोर्ट ने कहा है कि किसी शादी शुदा महिला/ पुरुष का किसी अन्य महिला /पुरुष के साथ पति पत्नी की तरह रहना सही नहीं माना जा सकता। कोर्ट ने कहा कि यह धारा 494/495 के अंतगर्त अपराध है।  

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अपराधी को नहीं दे सकते संरक्षण
बता दें कोर्ट ने कहा है कि इस तरह हम किसी अपराधी का संरक्षण नहीं कर सकते। कोर्ट ने साफ कह दिया है कि एक पति पत्नी बिना तलाक दिए किसी के साथ नहीं रह सकते। कोर्ट ने कहा है कि आप धर्म बदलकर भी किसी से शादी नहीं कर सकते। कोर्ट ने कहा है कि पहले आपको पहली शादी खत्म करनी होगी। उस शादी के खत्म होने के बाद ही आप किसी के साथ रह सकते हो। नहीं तो यह अपराध की श्रेणी में आएगा। 

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कोर्ट से मांगा था संरक्षण
बता दें कोर्ट ने हाथरस की एक महिला के याचिका पर यह टिप्पणी की है। जिसने लिव-इन- रिलेशनशिप में रहने के लिए कोर्ट का संरक्षण मांगा था। महिला पहले से ही शादी शुदा थी और किसी अन्य पुरुष के साथ पति- पत्नी की तरह रह रही थी। जिसके बाद पुलिस के परेशान करने पर वह कोर्ट चली गई। उसने पुराने पति से तलाक नहीं लिया था। कोर्ट ने महिला को संरक्षण देने से मना कर दिया है और कहा है कि इस तरह के मामले में वह पुरुष को अपराधी मानते हैं। कानून की घाराओं के हिसाब से यह सही नहीं है। कोर्ट इसे सही नहीं मानता।  

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तलाक देना है जरुरी
कोर्ट ने कहा है कि इस तरह के अपराधी को संरक्षण देना अपराध को संरक्षण देना होगा। कोर्ट ने आरोपियों को इसकी चेतावनी दी है। कोर्ट ने कहा है कि लिव-इन-रिलेशनशिप का मतलब यह नहीं है कि आप किसी के साथ भी रहने लगे और अपने पति को तलाक तक नहीं दे। इसके लिए पहली शर्त है दूसरे से कानूनी तौर पर सभी रिश्ते खत्म करना जरुरी है।  

 

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