21 वर्षीय युवती ने अंडमान और निकोबार के पुलिस महानिदेशक को दी शिकायत - पूर्व मुख्य सचिव सहित एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी पर लगाया था आरोप - शिकायत पर महानिदेशक के आदेश पर एफआईआर दर्ज कर एसआईटी गठित नई दिल्ली, 15 अक्तूबर (नवोदय टाइम्स): अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की राजधानी पोर्ट ब्लेयर में एक युवती द्वारा पूर्व मुख्य सचिव और श्रम आयुक्त पर नौकरी दिलाने का झांसा देकर गैंगरेप करने का आरोप की जांच अब विशेष जांच दल (एसआईटी) करेगी। 21 साल की पीडि़ता युवती ने इसे लेकर पुलिस महानिदेशक से मुलाकात की थी उनके आदेश पर एसआईटी का गठन किया गया है। द्वीप समूह के पूर्व मुख्य सचिव 1990 बैच के आईएएस अधिकारी हैं और वर्तमान में दिल्ली फाइनेंशियल कॉरपोरेशन के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर हैं। युवती ने अगस्त माह में पुलिस को दी थी शिकायत द्वीप समूह के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ने बताया है कि युवती ने 22 अगस्त को अपनी शिकायत दी थी। शिकायत की जांच के आधार पर 1 अक्तूबर को पोर्ट ब्लेयर के एबरडीन पुलिस स्टेशन में दोनों के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज की गई है। इस मामले की जांच के लिए डीजीपी ने एसआईटी का गठन किया है। इस मामले में एसआईटी का नेतृत्व एक वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कर रहे हैं और युवती को पुलिस सुरक्षा भी दी गई है। युवती ने जिन दो अधिकारियों पर रेप का आरोप लगाया है, उनमें से एक का नाम जितेंद्र नारायण है जो कथित घटना के तीन महीने पहले तक अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के मुख्य सचिव थे। जबकि आरएल ऋषि, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में श्रम आयुक्त (लेबर ऑफिसर) के रूप में तैनात थे। अधिकारी ने पीएमओ और गृह मंत्रालय को भेजा पत्र आरोपी आईएएस अधिकारी जितेंद्र नारायण वर्तमान में दिल्ली फाइनेंशियल कॉरपोरेशन के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर हैं। नई दिल्ली में संपर्क किए जाने पर नारायण ने आरोपों को बेतुका बताते हुए इस किसी प्रकार जवाब देने से इनकार कर दिया। उनके करीबी सूत्र ने भी इन आरोपों को खारिज किया है और बताया कि उन्हें डिटेल रिप्रजेंटेशन के लिए प्रधानमंत्री ऑफिस (पीएमओ) और गृह मंत्रालय भेजा गया था। रिपोर्ट के मुताबिक वहीं जब ऋषि से संपर्क करने की कोशिश की गई तो पता चला कि वह मेडिकल लीव पर हैं। सरकारी नौकरी देने का किया था वादा युवती ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि दोनों ने उसे सरकारी नौकरी देने का वादा किया था। बताया जा रहा है कि जिस नंबर की गाड़ी से युवती को नारायण के घर ले जाया गया था, वह ऋषि के नाम पर रजिस्टर्ड है। शिकायतकर्ता ने कहा है कि नारायण के घर से सीसीटीवी फुटेज इक_ा कर वहां के कर्मचारियों से पूछताछ की जानी चाहिए। शिकायत में महिला ने अपने साथ हुए दुर्व्यवहार के बारे में बताया है। जिसमें उसने पोर्ट ब्लेयर में नारायण के आधिकारिक आवास पर अप्रैल और मई महीने की रात में दो बार हुए हिंसक यौन हमलों के बारे में अपनी आपबीती बयां की है। नौकरी की तलाश में थी युवती रिपोर्ट के मुताबिक, पोर्ट ब्लेयर में एसआईटी के साथ-साथ मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट द्वारा महिला का धारा 164 सीआरपीसी के तहत इकबालिया बयान दर्ज किया गया है; जहां उसने दूसरी शिकायत दर्ज की है। महिला के एक रिश्तेदार ने कहा कि वे एहतियात के तौर पर धारा 164 के बयान को वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए फिर से दर्ज करने की अपील करेंगे। जितेंद्र नारायण ने कथित तौर पर अपने लिखित खंडन में दावा किया है कि उनपर स्थानीय अधिकारियों के इशारे पर यह आरोप लगाए गए, जिनके खिलाफ उन्होंने मुख्य सचिव रहते हुए कार्रवाई की थी। नारायण ने कहा है कि वह पुलिस के साथ पूरा सहयोग करेंगे और मुकदमे का सामना करने को तैयार है। हालांकि महिला के मुताबिक नौकरी की तलाश में एक होटल मालिक के जरिए उसकी जान-पहचान श्रम आयुक्त (लेबर ऑफिसर) से कराई गई थी और फिर उसे वह (आयुक्त) उसे मुख्य सचिव के आवास पर ले गया।
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