Thursday, Sep 28, 2023
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देश का एक और सहकारी बैंक हुआ बंद, जमाकर्ताओं का पैसा डूबा ,जानें कारण

  • Updated on 5/3/2020

नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। देश में एक के बाद एक बैंक बंद होने के कारण लोगों का बैंकों से विश्वास उठता नजर आ रहा है, और लोग अपने पैसा बैंक में सुरक्षित नहीं समझ रहे हैं। हाल ही में पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक (Punjab And Maharashtra Co Operative Bank) के बंद होने के बाद अब एक और बैंक सीकेपी को-ऑपरेटिव बैंक (CKP Co-operative Bank) बंद हो गया है। आरबीआई ने इस बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है और सभी काम पर रोक लगा दी है।

आरबीआई ने इस बैंक का लाइसेंस रद्द करने के पीछे कारण बताते हुए कहा कि इस बैंक की वित्तीय हालत बेहद खराब हो चुकी है और इस बैंक का किसी अन्य बैंक के साथ विलय का अभी कोई ठोस प्लान सामने नजर नहीं आ रहा है। वहीं प्रबंधन ने बैंक की हालत के सुधार में कोई विश्वसनीय प्रतिबद्धता नहीं जताई है।

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जमाकर्ताओं का पैसा लौटाने की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी
बैंक को बंद करने के बाद इसकी संपत्ति को बेचने और डीआईसीजीसी एक्ट 1961 के तहत सीकेपी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड के जमाकर्ताओं को उनका पैसा लौटाने की प्रक्रिया जल्द शुरू कर दी जाएगी। बताया जा रहा है कि बैंक के प्रत्येक जमाकर्ता को डिपॉजिट इंश्योरेंस तथा क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन के नियम के मुताबिक अधिकतम 5 लाख की रकम दी जाएगी।

आरबीआई ने इस संबंध में कहा कि इस बैंक की गतिविधियां सार्वजनिक हितों और इसके जमाकर्ताओं के हितों के प्रतिकूल रही है। मैनेजमेंट का काम भी सार्वजनिक हितों तथा जमाकर्ताओं के हितों के प्रति नुकसानदेह रहा है।

केंद्रीय बैंक ने बैंक की वित्तीय हालत खराब बताया
केंद्रीय बैंक ने कहा कि इस बैंक की वित्तीय हालत बेहद खराब हो गई है और इसका अब चलना मुश्किल है इसके अलावा इस बैंक का किसी दूसरे बैंक के साथ विलय का भी कोई ठोस प्लान नहीं दिया गया है और इसकी व्यवस्था में सुधार के लिए कोई प्रतिबद्धता भी नहीं जताई जा रही है ऐसे में बैंक को पूरी तरह ही बंद किया जाएगा।

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बैंक को बचाने के कोई प्रयास नहीं कि जा रहा
आरबीआई ने बैंक को लेकर कहा कि बैंक को पटरी पर लाने के लिए जितने प्रयास किए जाने चाहिए उससे आसपास भी कोई प्रयास होता नहीं दिख रहा है। जबकि बैंक को इसके लिए काफी समय और मौके भी दिए गए हैं। बैंक से विलय का कोई भी प्रस्ताव सामने नहीं आया है।

इस पर केंद्रीय बैंक ने कहा कि अगर बैंक को आगे भी काम चालू रखने की मंजूरी दी जाती है तो इसके ग्राहक को नुकसान होगा और अगर बैंक बंद होता है तो डीआईसीजीसी के मुताबिक इसके हर एक प्रत्येक ग्राहक को अधिकतम 5 लाख मिलेगा।

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