नई दिल्ली/मुकेश ठाकुर। सामान्य दिनों की तरह सिर्फ गाडिय़ों के हॉर्न और मेट्रो की आवाज से गूंजने वाला द्वारका मोड़ मेट्रो स्टेशन का इलाका मंगलवार दोपहर में गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंज उठा। अचानक हुई इस फायरिंग से इलाके में अफरा-तफरी मच गई। लोगों को लगा कि आतंकी हमला हो गया है जिसके चलते मुठभेड़ हो रही है।
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ये मुठभेड़ मेट्रो के पास स्थित प्लॉट नंबर पांच में बने गुडिय़ा बिल्डर्स के चार मंजिले मकान में हुई। कुछ देर बाद पता चला कि जिस मकान से फायरिंग हो रही थी वहां पर पंजाब के फरार छह बदमाश पनाह लिए हुए थे जिन्हें पुलिस गिरफ्तार करने आई थी, लेकिन जैसे ही पुलिस ने दरवाजा खटखटाया तो बदमाशों ने उन पर फायरिंग शुरू कर दी जिसके बाद दोनों तरफ से कई राऊंड फायरिंग की गई।
पहले चलाईं बदमाशों ने गोलियां
डीसीपी शिबेश सिंह ने बताया कि पंजाब पुलिस और दिल्ली पुलिस का इरादा मुठभेड़ का नहीं था। जब पंजाब के एसएएस नगर के एसएसपी कुलदीप सिंह चहल अपनी टीम के साथ मकान की दूसरे मंजिल पर स्थित 204 नंबर के फ्लैट पहुंचे और एक जवान ने डोर बेल बजाई तभी दरवाजा खुलते ही बदमाशों ने पुलिस को देख फायरिंग शुरू कर दी। इसके बाद दिल्ली और पंजाब की पुलिस टीम ने भी उनपर फायरिंग की।
इस दौरान दोनों ओर से हो रही फायरिंग का फायदा उठा दीपक उर्फ टोनी नामक बदमाश भागने में कामयाब हो गया। वह फ्लैट के पीछे के कमरे की खिड़की से पहले पर्दा और फिर पास ही लगे एक पेड़ के सहारे नीचे उतर फरार हो गया। वहीं अपने को घिरता देख जान बचाने के लिए पांचों बदमाशों ने पुलिस के सामने आत्म समर्पण कर दिया। उनके मुताबिक दीपक का एक और सहयोगी रवि जिस पर पंजाब में लूटपाट, डकैती, हत्या, हत्या की कोशिश और आम्र्स एक्ट के करीब 180 से अधिक मामले दर्ज हैं उसे गिरफ्तार कर लिया गया है।
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बाटलाकांड आया याद
गत सालों पहले दिल्ली के जामिया नगर इलाके में इसी तरह से एकाएक गोलियों की आवाजें गूंजी थी, उसी की तर्ज पर जब मेट्रो स्टेशन के पास गोलियों की आवाजें आई तो लोग इधर-उधर भागने गले। आसपास के लोगों ने घरों की खिड़कियां बंद कर लीं और कईयों ने मकान खाली कर दिए। यही नहीं चहल-पहल वाली रोड कुछ सेंकड में सन्नाटे में बदल गई। हर कोई ये कह रह था कि आतंकी हमला हो गया है और मकान में आतंकी छिपे हुए हैं जो फायरिंग कर रहे थे, लेकिन स्थानीय पुलिस ने सुझबुझ का सहारा लिया और लोगों को समझाया जिसके बाद स्थिति सुधरी।
सरगना को मिल गई थी पहले ही पुलिस के आने की सूचना
कुख्यात बदमाश दीपक जो गिरोह का सरगना है उसे पंजाब पुलिस के दिल्ली में आने की जानकारी मिल गई थी, इसलिए जैसे ही पुलिस ने घर की डोर बेल को बजाया तभी दीपक खिड़की पर लगे पर्दे के सहारे फरार हो गया। हालांकि, जब तक उसके पांच साथी कुछ समझ पाते कि पुलिस ने उन्हें चारों तरफ से घेर लिया। जिसके जवाब में बदमाशों ने अपने को बचाने के लिए फायरिंग शुरू कर दी। सूत्रों के मुताबिक पंजाब पुलिस और दिल्ली पुलिस ने इस बात की आंतरिक जांच भी शुरू कर दी है कि पंजाब पुलिस की जानकारी को बेहद सीक्रेट रखा गया था तो उसके बावजूद बदमाशोंं के सरगना तक इसकी सूचना कैसे पहुंची।
फरार बदमाश सीसीटीवी में कैद
मुठभेड़ के दौरान दोनों ओर से चल रही गोलियों का फायदा उठा टोनी नामक एक बदमाश पिस्टल के साथ फरार हो गया। वह पहले पर्दे का सहारा लेकर खिड़की से लगे पेड़ पर चढ़ गया और फिर नीचे उतर गया। पर चारों ओर कांटेदार दीवार को देख पहले उस घर के पीछे बने एक मकान में घुस गया और उस घर से होते हुए उसके छत पर जाने लगा। पर छत के दरवाजे पर ताला लगा हुआ था, पहले तो उसने उस ताले को तोडऩे की कोशिश की पर जब कामयाब न हुआ तो वापस नीचे लौट आया। इसके बाद वह नीचे आ मकान के पीछे की दीवार पर लगे कांटेदार जाली के के बीच से निकल फरार हो गया। पर उस बदमाश की सारी हरकत उस बिल्डिंग में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई।
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घर को दीपक ने किराए पर फ्लैट के मालिक इंद्रजीत खुल्लर से लिया था। उसने इसके लिए अपना पहचान पत्र, जोकि पंजाब का है इंद्रजीत के पास जमा कराया था। उसने इंद्रजीत को बताया था कि वह यहां एक कंपनी में नौकरी के लिए आया है। पुलिस के अनुसार मकान मालिक ने दीपक द्वारा दिए गए पहचान पत्र को पुलिस वैरिफिकेशन के लिए थाने में जमा करा दिया था। थाने से भी उसकी क्रॉस जांच के लिए पंजाब के दिए गए पते पर भेज दिया गया है, जिसकी अबतक पुलिस के पास रिपोर्ट नहीं आई है।
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