Friday, Dec 01, 2023
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Flyover or underpass should be made in Bawana village

बवाना गांव में फ्लाईओवर बने या अंडरपास, होगा सर्वे

  • Updated on 6/29/2023

 

नई दिल्ली/ ताहिर सिद्दीकी। बवाना गांव में फ्लाईओवर या अंडरपास बने,इसके लिए जल्द ही सर्वे होगा। इसके माध्यम से डीएसआईआईडीसी ऑफिस बवाना से लेकर औचंदी, कंझावला और नरेला रोड को जोड़ने वाले भाग तक जाम से निजात दिलाई जाएगी।फ्लाईओवर या अंडरपास की व्यवहार्यता का पता लगाने के लिए सर्वेक्षण हाेने जा रहा है। ऐसे में सलाहकार कंपनी के चयन के लिए लोेक निर्माण विभाग ने टेंडर जारी कर दिया है। 

इसके तहत परियोजना के बीच आ रहीं इमारतें, अतिक्रमण, पेड़, साइनेज, सड़क की विशेषताएं और अन्य स्थायी संरचनाएं व जमीन के ऊपर और जमीन के अंदर आ रहीं लाइनों के बारे में पता लगाया जाएगा। जिससे उसी हिसाब से योजना तैयार की जा सके। सर्वे में डीएमआरसी लाइन की योजना को शामिल किया जाना है। इसके अलावा  किसी भी मध्य सप्ताह के कार्य दिवस पर 24 घंटे के लिए सभी श्रेणियों के वाहनों के लिए वर्गीकृत यातायात के दबाव का भी सर्वे किया जाना है।।सलाहकार कंपनी योजना को लागू करने में आर्थिक, पर्यावरणीय और सामाजिक पहलू को ध्यान में रखते हुए योजना का लागत लाभ विश्लेषण करेगी।जिसमें यात्रा के समय में बचत, मानव घंटों में बचत, ईंधन में बचत का पता लगाया जाएगा।वाहन उत्सर्जन में बचत और योजना को लागू करने से अर्जित कार्बन क्रेडिट सहित अन्य सभी बचत की गणना सलाहकार द्वारा की जाएगी।

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परियोजनाएं शुरू करने से पहले स्थानीय निकायों से मंजूरी लें:पीडब्ल्यूडी 

लोक निर्माण विभाग ने अधिकारियों को भूमि कब्जे की प्रक्रिया पूरी होने और स्थानीय निकाय की मंजूरी लेने के बाद ही परियोजनाएं आवंटित करने का निर्देश दिया है। जारी आदेश में विभाग ने कहा है कि इससे उन विवादों से बचने में मदद मिलेगी, जिनके चलते परियोजनाओं में देरी होती है।विभाग ने कहा है कि यह देखा गया है कि बाधा मुक्त भूमि की उपलब्धता और स्थानीय निकाय की मंजूरी सुनिश्चित किए बिना काम दिया जाता है। इसके कारण ठेकेदारों के साथ विवाद उत्पन्न होते हैं, जिसके परिणामस्वरूप जटिलताएं होती हैं। विभाग ने कहा है कि कभी-कभी साइट/भूमि की अनुपलब्धता और एमसीडी, दिल्ली अर्बन आर्ट कमीशन,  डीडीए व दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति जैसे निकायों की मंजूरी न मिलने के कारण काम शुरू हुए बिना ही अनुबंधों को रद्द करना पड़ता है। आदेश में सीपीडब्ल्यूडी मैनुअल 2022 में एक प्रावधान का हवाला दिया गया है जो एनआईटी के अनुमोदन से पहले आवश्यकताओं को निर्दिष्ट करता है, जिसका सख्ती से पालन किया जाना चाहिए।

 

 

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