नई दिल्ली/टीम डिजिटल। कम्पीटिशन कमीशन ऑफ इंडिया (सी.सी.आई.) ने वोडाफोन इंडिया और कुमार मंगलम बिड़ला की आइडिया सेल्युलर के प्रस्तावित विलय को मंजूरी दे दी। इससे ग्राहकों की संख्या के लिहाज से देश की सबसे बड़ी कम्पनी के वजूद में आने की उम्मीद और बढ़ गई है। ब्रिटिश कम्पनी वोडाफोन ग्रुप पी.एल.सी. की भारतीय यूनिट और आइडिया अभी ग्राहकों की संख्या के लिहाज से देश की क्रमश: दूसरी और तीसरी सबसे बड़ी कम्पनियां हैं।
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दोनों कम्पनियों के मिलने के बाद जो कम्पनी बनेगी उसके ग्राहकों की संख्या 40 करोड़ होगी और रेवेन्यू मार्कीट शेयर 41 प्रतिशत होगा। अगर वोडाफोन और आइडिया का मर्जर होता है तो यह 80 हजार करोड़ रुपए के रैवेन्यू वाली भारत की सबसे बड़ी टेलीकॉम कम्पनी बन जाएगी।
टेलीकॉम इंडस्ट्री में क्षमता बढ़ाने के लिए और होगा निवेश सी.सी.आई. के मर्जर प्रस्ताव पर मंजूरी के बारे में लीगल फर्म शार्दुल अमरचंद मंगलदास एंड कम्पनी की पार्टनर श्वेता श्रॉफ चोपड़ा ने बताया कि फेज-1 में सी.सी.आई. की मंजूरी अच्छी खबर है। यह भारतीय मर्जर एंड एक्विजिशन मार्कीट और टेलीकॉम सेक्टर के लिए खुशखबरी है। इससे टैलीकॉम इंडस्ट्री में कैपेसिटी बढ़ाने के लिए और निवेश होगा। मर्जर के प्रस्ताव के मुताबिक आइडिया का प्रोमोटर आदित्य बिड़ला ग्रुप दोनों कम्पनियों के मिलने के बाद बनने वाली फर्म में धीरे-धीरे हिस्सेदारी बढ़ाएगा। वहीं इस बीच वोडाफोन ग्रुप पी.एल.सी. इस कम्पनी में अपनी हिस्सेदारी कम करेगा।
विलय के बाद इंडिया में 35 प्रतिशत होगा मार्केट शेयर मार्च में मर्जर की घोषणा करते हुए कुमार मंगलम ने बोला था कि इस डील के सफल होने पर मर्जर के बाद बनने वाली कम्पनी टेलीकॉम सेक्टर में भारत की सबसे बड़ी कम्पनी होगी, जिसका मार्कीट शेयर 35 प्रतिशत और सब्सक्राइबर बेस 40 करोड़ होगा।
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वहीं इंडिया रेटिंग की रिपोर्ट में बताया गया है कि वोडाफोन और आइडिया के मर्जर से बनने वाली कम्पनी का रेवेन्यू 77,500 करोड़ से 80,000 करोड़ रुपए होगा। 7 सर्कल्स में वोडाफोन इंडिया के स्पेक्ट्रम और आइडिया के 2 स्पेक्ट्रम, जिनका परमिट 2021-22 में खत्म हो रहा है, उनकी कम्बाइंड वैल्यू पिछली नीलामी की कीमत के हिसाब से 12,000 करोड़ रुपए है।
रिलायंस जियो इन्फोकॉम का मजबूती से कर पाएगी मुकाबला वोडाफोन और आइडिया के साथ आने के बाद बनने वाली कम्पनी अपने साइज के दम से रिलायंस जियो इन्फोकॉम का मजबूती से मुकाबला कर पाएगी जिसने देश की टेलीकॉम मार्केट में हलचल मचा रखी है। जियो इन्फोकॉम ने पिछले साल सितम्बर से इस साल मार्च तक अपने ग्राहकों को मुफ्त में वॉयस और डाटा ऑफर किया था। इससे दूसरी टेलीकॉम कम्पनियों पर बहुत दबाव बना और माना जा रहा है कि इसी वजह से वोडाफोन व आइडिया ने मर्जर का फैसला किया है।
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