Thursday, Jun 01, 2023
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Life line flight playing an important role in the war against the corona virus sohsnt

कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में अहम भूमिका निभा रही 'लाइफ लाइन उड़ान'

  • Updated on 4/27/2020

नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से जारी जंग में हर कोई अपनी क्षमता अनुसार सेवा देने में लगा हुआ है। केन्द्र सरकार लगातार आवश्यक वस्तुएं, उपकरण, दवाएं आदि देश के अंतिम छोर तक पहुंचा रही है। लॉकडाउन के दौरान सरकार द्वारा दवाओं एवं चिकित्सा उपकरणों को समय पर पहुंचाने के लिए लाइफ लाइन उड़ान बहुत कारगर साबित हुई है।

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में भी विशेष अभियान लाइफ लाइन उडान का जिक्र करते हुए कहा कि इससे बेहद कम समय में ही देश के कोने-कोने में दवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने में मदद मिली है।

क्या है लाइफ लाइन उड़ान
कोविड-19 के विरूद्ध देश के संघर्ष में योगदान देने के लिए आवश्‍यक चिकित्‍सा उपकरणों को दूर-दराज के इलाकों में आवश्‍यक एवं चिकित्‍सा संबंधी वस्‍तुओं की आपूर्ति नियत समय में करने के लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा ‘लाइफ लाइन उड़ान’ शुरू की गई। लाइफलाइन उड़ान के तहत एअर इंडिया और अलाइंस एअर, भारतीय वायु सेना और निजी विमान सेवा कंपनियों ने 383 उड़ानें संचालित कीं।

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यहां पहुंच रही सुविधाएं
कोरोना वैश्विक महामारी से संघर्ष के समय में देश के दूरस्थ अंचलों में आवश्‍यक एवं चिकित्‍सा संबंधी वस्‍तुओं की आपूर्ति पहुंचाने वाली लाइफ लाइन उड़ान किसी देवदूत से कम नहीं है। देश के उत्तर में जम्‍मू-कश्‍मीर, लद्दाख, भारत के समस्त द्वीपीय क्षेत्र तथा पूर्वोत्‍तर में लाइफ लाइन उड़ान अपनी सेवा दे रही है। इस उड़ान का उत्तर पूर्व क्षेत्र, द्वीप क्षेत्रों और पहाड़ी राज्यों पर विशेष ध्यान है।

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लाइफ लाइन उड़ान के तहत लगभग 3 लाख किलोमीटर की दूरी तय की गई और देश के दूरदराज के क्षेत्र तक 500 टन से भी अधिक दवाओं और उपकरणों की आपूर्ति की गयी। सरकारी वेबसाइट https://esahaj.gov.in/ के अनुसार, अभी तक 3,76,952 किलोमीटर से अधिक की हवाई दूरी तय की गई है। इस दौरान, 684 टन आवश्यक चिकित्सा कार्गो का संचालन किया गया। साथ ही, पूर्वी एशिया के साथ एक कार्गो एयर-ब्रिज स्थापित किया गया। जिसके द्वारा 4 अप्रैल 2020 से 21 अप्रैल 2020 के बीच 322 टन से अधिक मेडिकल कार्गो लाया गया है।

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कहां पहुंचा कितना सामान
लाइफ लाइन उड़ान सेवा के अन्तर्गत, एअर इंडिया, अलायंस एअर, भारतीय वायुसेना, पवन हंस और निजी वाहक द्वारा संचालित 383 उड़ानें महामारी से जंग में अपनी सेवा देने जुटी हैं। कुल उड़ानों में से 223 एअर इंडिया और अलाइंस एअर ने संचालित की हैं। पवन हंस द्वारा 1.99 टन माल पहुंचाया गया और छह हजार 885 किलो‍मीटर की दूरी तय की गई है। पवन हंस लिमिटेड सहित हेलीकाप्‍टर सेवा जम्‍मू-कश्‍मीर, लद्दाख, द्वीपीय क्षेत्र तथा पूर्वोत्‍तर में संचालित की जा रही है। घरेलू स्‍पाइस जेट, ब्‍लू डॉर्ट और इंडिगो की सेवाएं वाणिज्यिक आधार पर ली गई हैं।

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इस पर उड्डयन एक्सपर्ट अंकुर भाटिया ने कहा कि सारी उड़ानें बंद हैं, लेकिन फिर भी इन्फ्रास्टक्चर ऑपरेशनल है। दवाइयों, पीपीई, उपकरण, मेडिकल ई-वैक्स, आदि के लिए कारगो सेक्टर बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण है। कोरोना की इस लड़ाई में लाइफ लाइन उड़ानें बेहद कारगर साबित हो रही हैं। खास बात यह है कि समय पर चिकित्सा उपकरण पहुंचाने के लिए इस पूरी चेन से जुड़े लोग रात-दिन काम कर रहे हैं। 

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